2007 में पाकिस्तान के ISI चीफ Lt Gen ताज नदीम ने एक गहरी साज़िश के तेहत इंडियन मुजाहीदीन यानी IM के नाम पर मोहर लगाईं. साज़िश को अंजाम देने के लिए हिंदुस्तान में २५ करोड मुसलमानों में २५ भी ISI नही मिले.
कर्नाटक के दो भाई रियाज़ और इक़बाल भटकल और आजमगढ़ के तीन लड़के और आपराधिक इतिहास के आमिर राजा खान को बरगला कर सीमा पार से IM का जाल बिछाया गया. हर बम धमाके के बाद मीडिया को प्रेस रिलीज़ में जानबूझकर इंडियन मुजाहिदीन के नाम से जिम्मेदारी लेने वक्तव्य दिया गया.
भटकल बंधुओं ने कराची में अब इब्राहिम बंधुओं का स्थान ले लिया है. D कंपनी की जगह ISI ने हिन्दुस्तानी मुसलमानों को बदनाम करने और देश में सम्प्रदायक दंगे कराने के लिए एक नयी कंपनी बना दी है. दुर्भाग्य से अब तक देश की मीडिया और राजनीति इस खेल को भेदने में नाकाम है.
शुरुआत में सिर्फ ७-८ लड़के ISI ने SIMI के लोअर काडर से तोड़े और बाद के लड़के हिन्दुस्तान की पुलिस ने मार पीट कर आतंकी बना दिये.आजमगढ़ और दरभंगा बदनाम हुए और दिल्ली में ओखला को पाकिस्तान बनाने की कोशिश की गयी.
मै आपको अच्छी खबर दे रहा हूँ. हाल की पूछताछ में तकरीबन ४०-५० लड़के ऐसे सामने आये जिन्होंने भटकल से मिलने की बात तो मानी पर किसी घटना या साज़िश में शामिल होने से मना कर दिया. खौफनाक दबाव के बावजूद इन लड़कों ने गज़ब का हिन्दुस्तानी होने का परिचेय दिया. ये मामूली बात नही है. इन लड़कों के नाम मै अभी सामने नही ला सकता लेकिन इनके क़दमों को मै जिंदगी भर चूम सकता हूँ. ये मेरे देश के वीर अब्दुल हमीद है.
दीपक शर्मा (एडिटर nvestigations at Aajtak News Channel)