लखनऊ के बाद अब अंजान के गुरदास पर में पिटबुल कुत्ते के आतंक का समाचार है । मीडिया में आई जानकारी के अनुसार 13 साल के एक बच्चे पर पिटबुल कुत्ते ने हमला कर दिया बस अच्छी बात यह रही कि बच्चे की इस हमले में जान बच गई लेकिन कुत्ते ने उसका कान नोच खाया
जानकारी के अनुसार गुरुदासपुर जिले के कोटली भान सिंह क्षेत्र में 13 साल का गुरुदीप अपने पिता के साथ स्कूटर पर जा रहा था । वहीं पर एक व्यक्ति अपने पिटबुल कुत्ते को घुमा रहा था अचानक पिटबुल कुत्ते ने स्कूटर पर जा रहे बच्चे का पैर मैं मुंह में ले लिया और बच्चे को नीचे गिरा कर उस पर हमला कर दिया और उसका कान नोच खाया । हालांकि बच्चे के पिता ने जैसे तैसे कर के अपने बच्चे को बचा लिया सबसे खराब बात की थी कि पिटबुल कुत्ते का मालिक इस मामले में कोई मदद नहीं किया और बाद में अपने कुत्ते को लेकर चला गया पुलिस के अनुसार इस मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं की गई है ।
लखनऊ में ले ली थी पिटबुल ने बुजुर्ग महिला की जान
पिटबुल के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले कुछ दिन पहले ही लखनऊ में पिटबुल ने अपने ही पालने वाली बुजुर्ग महिला पर हमला करके उसकी जान ले ली थी । लखनऊ के प्रकरण में यह बात भी सामने आई थी कि वह पिटबुल घंटी बजाने पर हिंसक हो जाता था ऐसे में उसके मालिक ने घंटी बजाने पर उसके हिंसक होने की बात तो मानी मगर उसको लेकर कोई सावधानी नहीं रखी घटना के बाद कुत्ते को नगर निगम के लोग ले गए थे जिसको कुछ दिन के ऑब्जरवेशन के बाद कुत्ता मालिक को वापस कर दिया गया ऐसे में ऐसा खूंखार कुत्ता अब किसके लिए नया खतरा बनेगा यह कोई नहीं कह सकता
लोगो के लिए स्टेटस सिंबल है पिटबुल, लेकिन नियम का नहीं होता पालन
भारत में कुत्ते पालना पशु प्रेम से ज्यादा स्टेटस सिंबल माना जाता है ऐसे में देसी कुत्तों की जगह विदेशी प्रजाति के कुत्तों को पालने से काल लोगों में ज्यादा मुंह रहता है माना यह जाता है कि जिसके पास जितना बेहतर और खूंखार नस्ल का विदेशी कुत्ता होगा वह अपने आप को इतना ही उच्च समाज का दिखाएगा । फिल्मी सितारों का कुत्तों के साथ दिखना और ट्विटर पर उनके साथ खुद को शेयर करके अपना स्टेटस बढ़ाने की मानसिकता भी इसके पीछे काम करती है ।
किसी भी सभ्य समाज में पशुओं को पालने के कुछ नियम होते हैं ऐसे ही कुत्तों को पालने के लिए भी कुछ नियम भारत में बनाए गए हैं और हर जगह नगरपालिका हैं उसको लागू करती हैं इनमें कुत्तों के गले में बेहतर पट्टा और मुंह पर एक मास्क जैसा जाली लगाने की प्रतिबद्धता होती है लेकिन 5000 से लेकर ₹100000 तक कुत्ता खरीदने वाला कुत्ता प्रेमी ₹200 का यह सामान नहीं खरीदता है और अक्सर यह विदेशी कुत्ते आम लोगों पर हमलावर हो जाते हैं कुछ मामलों में कुत्ता प्रेमी खुद भी इन कुत्तों को जानबूझकर भड़का कर देखते हैं ताकि इससे उनका अहम भी संतुष्ट होता है ।
भारत में विदेशी कुत्तों को पालने को लेकर और ऐसे खतरनाक प्रजाति के ऊपर प्रतिबंध जैसी कोई चीज अभी तक नहीं है इस तरह की घटनाओं में हमेशा तथाकथित कुत्ता प्रेमी इनके बेजुबान होने का बहाना बनाने रखते हैं एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया पशुओं पर अत्याचार की तो बात करता है मगर पशुओं के रखरखाव और खूंखार प्रजातियों के भारत में बैन को लेकर कोई बात नहीं करता है ।