
फीस बढ़ोत्तरी के विरोध में मेरठ रोड स्थित डीपीएसजी स्कूल में मंगलवार को पैरेंट्स ने जमकर हंगामा काटा। स्कूल गेट के पास 400 से ज्यादा पैरेंट्स जुलूस की शक्ल में स्कूल पहुंचे।
पैरेंट्स ने पहले मेन गेट पर धरना दिया, फिर कैंपस में पहुंच गए। हालांकि बाद में एसोसिएशन के आह्नान पर सभी पैरेंट्स स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना पर स्कूल पहुंचे एडीएम सिटी रक्षपाल सिंह ने फोन पर मामले की जानकारी डीएम को दी।
डीएम के निर्देश पर एडीएम सिटी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने और अगले दस दिनों में रिपोर्ट देने का आश्वासन पैरेंट्स को दिया। फिलहाल पैरेंट्स को दो सप्ताह तक फीस जमा कराने से भी छूट दी गई है।
डीपीएसजी स्कूल मैनेजमेंट द्वारा फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलनरत पैरेंट्स ने हाथाें में तख्तियां और बैनर लिए थे। मैनेजमेंट के सभी लोगों को रावण के रूप में पेश कर उनके पुतले पर जूते भी बरसाए। कुछ पैरेंट्स बच्चों की गुल्लक लाए थे।
उनका कहना था कि शिक्षा को व्यापार समझने वालों, बच्चों की इन गुल्लक को भी ले लो। कैंपसऔर बाहर पैरेंट्स का हंगामा करीब साढ़े तीन घंटे चला। इस बीच एडीएम सिटी रक्षपाल सिंह, एडीएम (ई) सीआर पटेल, सिटी मजिस्ट्रेट आशुतोष कुमार, एसपी सिटी शिवहरि मीणा और एसपी क्राइम राम अभिलाश त्रिपाठी के साथ कविनगर और सिहानी गेट पुलिस भी मौके पर पहुंची।
अफसरों ने पैरेंट्स को समझाने की कोशिश की पर नाकाम रहे। पैरेंट्स स्कूल चेयरमैन ओम पाठक से बात करने पर अड़े थे। इधर प्रिंसिपल ज्योति गुप्ता व अन्य मैनेजमेंट के लोगों ने भी बात नहीं की। स्कूल के स्टेडियम में प्रशासनिक व पुलिस अफसरों ने बातचीत की तब वह शांत हुए।
उधर, डीपीएस स्कूल पर अभिभावकों द्वारा हाईवे जाम की बात से पुलिस की जान अटकी रही। मौके पर सिहानी गेट, कविनगर और शहर कोतवाली के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया था। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों ने घंटों पैरेंट्स को समझाते रहे। इस दौरान पुलिस ने वीडियोग्राफी भी की।
कमेटी जल्द देगी रिपोर्ट
डीएम ने एडीएम सिटी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। कमेटी में डीआईओएस, बीएसए, सीटीओ, एसपी सिटी स्कूल मैनेजमेंट और पैरेंट्स शामिल हैं।
सुधरो, नहीं तो रद्द होगी मान्यता
सीबीएसई-आईसीएसई के विद्याल शासन के आदेशों का पालन करें अन्यथा मान्यता समाप्त कर शिक्षण कार्य पर रोक लगेगी। इस संबंध में नोटिस जारी की गई है। शासन से कक्षा आठ तक की शिक्षा नि:शुल्क है।
10 प्रतिशत सीटें सरकारी फीस पर एससी/एसटी को देनी होंगी। फीस बढ़ाने के लिए भी डीएम ने संचालकों के साथ बैठक कर हर साल 10 फीसदी का प्रावधान किया था। – एसवीएस रंगाराव, जिलाधिकारी
एसपी सिटी के बयान से भड़के पैरेंट्स
प्रदर्शन करने पर घर नोटिस भेजने की बात पर अभिभावक एसपी सिटी पर भड़क गए। पैरेंट्स मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगाकर नारेबाजी करने लगे। एडीएम सिटी ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया।
इन मुद्दों की लड़ाई
पैरेंट्स का आरोप है कि मैनेजमेंट को नियमानुसार 10 प्रतिशत फीस बढ़ानी चाहिए। जबकि मैनेजमेंट ने 40 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई है। ट्रांसपोर्टेशन फीस, डीए बढ़ाना, ट्यूशन फीस, स्टेशनरी व ड्रेस की फीस बढ़ाना सरासर अन्याय है।