लखनऊ।। आईएएस ऑफिसर दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किए जाने के बाद चौतरफा घिरी यूपी सरकार अब दुर्गा पर ‘अटैकिंग’ मूड में दिख रही है। खबर है कि यूपी सरकार दुर्गा से लिखित में उनके ‘ऐक्शन’ के बारे में स्पष्टीकरण चाहती है। सफाई से संतुष्ट न होने पर उनके खिलाफ चार्जशीट दायर करने पर भी विचार किया जा सकता है। अभी 2 दिन पहले ही यूपी सरकार ने कहा था कि वह दुर्गा के सस्पेंशन की समीक्षा करेगी, लेकिन अब चार्जशीट की बात की जा रही है।
गौरतलब है कि गौतमबुद्ध नगर की पूर्व एसडीएम दुर्गा ने शनिवार को ग्रेटर नोएडा में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाई जा रही मस्जिद की दीवार तोड़ने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि दुर्गा को 10 दिनों के भीतर लिखित में यूपी सरकार को अपना जवाब देना होगा कि उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला कदम क्यों उठाया। यदि राज्य सरकार उनकी सफाई से संतुष्ट नहीं हुई तो उनके खिलाफ 45 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर की जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि दुर्गा ने रमजान के पवित्र महीने में समस्या खड़ा करने वाला फरमान जारी किया। सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए हमें उन्हें सस्पेंड करने का फैसला लेना पड़ा।
.इस पूरे मामले पर मंगलवार को यूपी सरकार के मंत्री आजम खान ने विवादास्पद बयान दिया था। यमुना खादर में हो रहे रेत के अवैध खनन और अन्य प्राकृतिक संपदा की माफियाओं द्वारा लूट-खसोट के सवाल पर चुटकी लेते हुए मंत्री ने कहा कि कुदरत पर सबका हक है, ‘राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट।’
साथ ही आजम खान ने कहा कि आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति का सस्पेंशन मुख्यमंत्री ने ही संज्ञान लेकर किया है और इस मामले पर वही आगे फैसला लेंगे।
2 दिन पहले यूपी सरकार ने कहा था कि वह दुर्गा के सस्पेंशन की समीक्षा करेगी। लेकिन, अब चार्जशीट की बात की जा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में ही दुर्गा ने करीब 300 ट्रकों को गैरकानूनी रूप से यमुना से रेत ले जाते हुए पकड़ा है और दोषियों को 2 करोड़ का जुर्माना लगाया है। उन्होंने इस बारे में आगे की पड़ताल के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड तक का गठन कर दिया था। नागपाल 2009 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं।