बटला हाउस एनकाउंटर मामले में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के दोषी शहजाद अहमद की सजा पर फैसला टल गया है। कोर्ट अब इस मामले में कल दोपहर 2 बजे फैसला सुनाएगा।
मामले की सुनवाई के दौरान शहजाद के वकील कोर्ट नहीं पहुंचे। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि शहजाद के वकील यहां उपस्थित क्यों नहीं हैं?
जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में सितंबर 2008 को एनकाउंटर हुआ था, जिसमें शर्मा शहीद हो गए थे।
मामला साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार शास्त्री के समक्ष विचाराधीन था। अदालत ने करीब ढाई साल की सुनवाई के बाद 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा और 25 जुलाई को शहजाद को आरोपी ठहराने वाला निर्णय सुनाया।
इस दौरान अभियोजन पक्ष ने 70 गवाह पेश किए। इनमें से छह चश्मदीद हैं लेकिन ये एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम के सदस्य हैं।
मामले में गिरफ्तार एकमात्र आरोपी शहजाद ने दो गवाह पेश किए थे, जिसमें से एक अन्य आतंकी मामले में आरोपी है।
एनकाउंटर के तार
मुठभेड़ के तार 13 सितंबर 2008 को राजधानी में हुए सीरियल बम धमाकों से जुड़े हैं। आतंकियों ने करोल बाग, कनॉट प्लेस, जीके और इंडिया गेट पर धमाके किए थे, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी और 133 घायल हुए थे।
पुलिस ने धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन का हाथ होने की बात कही थी। जांच के दौरान स्पेशल सेल को जामिया नगर के बटला हाउस के फ्लैट नंबर एल-18 में आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिली थी।
मोहन चंद शर्मा ने की थी अगुवाई
इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की अगुवाई में टीम 19 सितंबर 2008 को बटला हाउस के फ्लैट पर रेड करने गई थी। वहां पुलिस और आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें दो आतंकी व इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा मारे गए थे।
जबकि एक हवलदार घायल हो गया था। वहीं, आरोपी शहजाद और जुनैद फ्लैट की बालकनी से कूदकर गोली चलाते हुए भाग गए थे। बाद में पुलिस ने शहजाद को यूपी स्थित उसके गांव सराय मीर से गिरफ्तार किया था।