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फिर भारतीय सीमा में घुसी चीनी सेना, सिक्यूरिटी कैमरों को तोड़ा

नई दिल्ली।। चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। एक बार फिर चीनी सेना भारतीय सीमा घुस आई। लेह-लद्दाख के चुमुर इलाके में घुसकर चीनी सेना ने भारतीय सेना द्वारा लगाए गए सिक्यूरिटी कैमरों को भी तोड़ दिया। भारतीय सेना द्वारा बनाए गए कुछ अस्थायी ढांचों को भी गिरा दिया। कैमरों के तार काट दिए और कुछ कैमरे अपने साथ लेते भी गए। मजे की बात यह कि बाद में भारत के विरोध जताने पर वे कैमरे चीन ने लौटा भी दिए।

गौरतलब है कि पिछले 3 महीने में दूसरी बार भारतीय सीमा में चीन ने घुसपैठ की है। इससे पहले अप्रैल-मई में भी चीनी सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में घुसकर अपने अस्थायी कैंप स्थापित कर दिए थे। इतना ही नहीं उन्होंने वहां पर जो बोर्ड लगाया था, उस पर लिखा था कि वह यह चीन का इलाका है और आप चीन में हैं।

अंग्रेजी अखबार डीएनए में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा घुसपैठ की घटना 17 जून की है। उस दिन चीनी सैनिकों ने घुसपैठ के बाद चुमुर में लगे कैमरों को तोड़ दिया। ये कैमरे हाई रेजॉलूशन के थे। भारतीय सेना ने अप्रैल में इन कैमरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की निगरानी के लिए लगाया था। चीनी सैनिकों ने वहां के लोगों को हिंदी में वह जगह तुरंत खाली करने के लिए कहा।

अखबार की खबर के मुताबिक, भारतीय सीमा में घुसे चीनी सैनिक अच्छी तरह से हिंदी जानते थे। उन्होंने वहां रह रहे स्थानीय लोगों से कहा कि वे इस इलाके को तुरंत खाली कर दें, यह इलाका उनका है। इस घुसपैठ की सूचना खुफिया एजेंसियों ने सरकार को दी थी। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है।

विरोध करने पर लौटाए कैमरे
सरकार इस पूरे मामले में चुप्‍पी साधे हुए है। उत्तराखंड में आई आपदा के समय सरकार किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद को जन्‍म नहीं देना चाहती थी। ताजा घटना के बाद 3 जुलाई को दोनों देशों की सेना के बीच हुई फ्लैग मीटिंग में भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा भी यह मुद्दा उठाया गया। सबूत के तौर पर टूटे हुए कैमरे भी दिखाए गए। हमारे संवाददाता के मुताबिक चीनी सैनिकों ने न केवल कैमरों के तार काट दिए बल्कि अपने साथ कई कैमरे लेकर भी चले गए थे। बाद में भारतीय पक्ष के विरोध जताने पर चीनी सेना ने कैमरे लौटा भी दिए। रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी की चीन यात्रा से एक दिन पहले 3 जुलाई को कैमरा लौटाया गया।विरोध

गौरतलब है कि अप्रैल-मई में भी चीन की सेना ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर एलएसी का उल्लंघन किया था। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था, लेकिन भारतीय दबाव के बाद आखिरकार चीनी सैनिक वहां से हट गए थे। हालांकि, भारत को चीनी सरकार की यह बात जरूर माननी पड़ी थी कि इस इलाके में भारतीय सैनिकों की भी मौजूदगी नहीं होगी।

सबसे आश्यर्च की बात यह है कि यह घटना उस समय सामने आई जब रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी का चीन दौरे पर जाना तय हो गया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीन की ओर से निरंतर घुसपैठ की घटना चीन की PLA (पीपल्‍स लिबरेशन आर्मी) और PLAN (पीपल्‍स लिबरेशन आर्मी नेवी) के बीच अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। चीनी नेतृत्व के अंदर अप्रत्यक्ष रूप से वर्चस्‍व की लड़ाई जारी है। यही कारण है कि साउथ चाइना समुद्र और लेह लद्दाख सेक्‍टर में चीन का रुख आक्रामक है।

 

NCR Khabar News Desk

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