भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुसलिम समुदाय से अपील की है कि वे वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगे को भूला दें।
एक टीवी चैनल की ओर से ‘अल्पसंख्यकों के सामने चुनौतियां’ विषय पर आयोजित सेमिनार में सिंह ने कहा कि वर्ष 2002 से पहले देश में 13 हजार सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
कभी-कभार इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन क्या हम इन्हें भूला नहीं सकते। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने भैरोंसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे का शासनकाल देखा है।
इन दोनों के समय में प्रदेश में अल्पसंख्यकों के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं हुआ।
सिंह ने कहा कि मैं मुसलिमों के आत्मविश्वास पैदा करना चाहता हूं। हम प्यार से मुसलिमों का दिल जीतना चाहते हैं, भय दिखा कर नहीं।
उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस की ‘बांटो और राज करो’ की नीति पर नहीं, बल्कि इंसानियत की राजनीति करना चाहती है। अंग्रेजों ने ‘बांटो और राज करो’ की नीति अपनाई थी, जो आज भी खत्म नहीं हुई है।
हम इसके खिलाफ इंसानियत की राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि आजादी के 66 वर्ष बाद भी हिंदू-मुसलमान में जुगलबंदी क्यों नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को तालीम और तरक्की का रास्ता दिखाया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों के साथ भेदभाव नहीं होने का दावा करते हुए सिंह ने कहा कि किसी को कोई शिकायत हो तो उन्हें पत्र लिखे।
वह शिकायत को दूर करने का प्रयास करेंगे। इस मौके पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आजादी के बाद मुसलमानों का ख्याल रखा जाता तो सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में हम इतने कमजोर नहीं दिखते।
धर्म निरपेक्षता का पैमाना भी तय होना चाहिए।