कांग्रेसी नेताओं पर नक्सलियों के बर्बर हमले से हतप्रभ केंद्र सरकार ने मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है।
सोमवार को दिल्ली में कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ ने गृह सचिव आरके सिंह समेत गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ जवाबी ऑपरेशन पर चर्चा की।
बैठक में तय हुआ कि गृहसचिव, खुफिया विभाग आईबी के निदेशक एस ए इब्राहिम, सीआरपीएफ महानिदेशक प्रणय सहाय और नक्सल मैनेजमेंट के संयुक्त सचिव एमएएस गणपति को साथ लेकर मंगलवार को छत्तीसगढ़ जाएंगे।
केंद्र सरकार की यह उच्चस्तरीय टीम प्रदेश सरकार के साथ मिलकर नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई के आक्रामक ऑपरेशन को अंतिम रूप देगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जापान यात्रा पर जाने और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की गैर मौजूदगी में वित्त मंत्री पी चिदंबरम फिलहाल छत्तीसगढ़ के हालातों का जायजा लेकर आवश्यक दिशानिर्देश दे रहे हैं।
इस क्रम में चिदंबरम ने सोमवार को आरके सिंह को बुलाकर पूरी स्थिति का जायजा लिया। वित्त मंत्री ने नक्सली हमले की जांच एनआईए को सौंपे जाने पर भी सिंह से चर्चा की।
केंद्र की चिंता यह है कि राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाकर नक्सलियों ने सरकार को नई चुनौती दी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक छत्तीसगढ़ में नेताओं पर हुए हमले को कई राज्यों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड में भी चुनाव होने वाले हैं।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए सभी नक्सल प्रभावित राज्यों से कहा गया है कि चुनावों के चलते राजनीतिक गतिविधियां बढ़ेगी। लिहाजा नेताओं की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जाए।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि अगर नक्सली सैन्य बलों को छोड़ नेताओं को निशाना बनाने लगे तो देश का लोकतांत्रिक ढांचा ढह जाएगा। मंत्रालय ऐसी जवाबी कार्रवाई के पक्ष में है जिससे नक्सलियों को दोबारा सिर उठाने में लंबा वक्त लगे।
गृह मंत्रालय के उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया है कि नक्सलियों से भिड़ने की नई रणनीति पर तेजी से काम हो रहा है लेकिन मंत्रालय को छत्तीसगढ़ पुलिस की काबिलियत पर शक है। अधिकारी के मुताबिक खासतौर पर छत्तीसगढ़ की पुलिस नक्सल विरोधी अभियान की सबसे बड़ी कमजोरी है।
यही वजह है कि इस बार नक्सलियों को दबोचने की योजना में झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार को एक साथ शामिल किया जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों के तैयार किए गए विशेष दस्तों को अपनी तैयारी शुरू करने को कहा गया है।