नोएडा ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक शहर में हर सेक्टर में RWA बनी है और हर सोसाइटी में AOA बनी है ।इन संगठनों के नेतृत्व को लेकर कई संस्थाएं जिले में फोनरवा , डीडीआरडब्लूए , समस्त सेक्टर की आरडब्लूए , गाँवों की आरडब्लूएचल जैसी कई संस्थाएं रही हैं जो लगातार यह दावा करती हैं कि वह शहर का रिप्रेजेंटेशन करते हैं किंतु एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा लगाई गई आरटीआई के जवाब में नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट कहा है कि आरडब्ल्यूए सोसाइटी एक्ट से बनी संस्था है इसको मान्यता देने के लिए नोएडा प्राधिकरण में कोई नीति नहीं है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर का कहना है कि नॉएडा – शहर में आये दिन आरडब्लूए चुनाव और उनके द्वारा बनाई गई शहरव्यापी बड़ी बड़ी संस्थाओं को अब चेत जाना चाहिए और सम्मिलित रूप से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी चाहिए , नॉएडा प्राधिकरण को आरडब्लूए चाहे वह शहरी हों या ग्रामीण , इनके बाबत नीति बनाने को बाध्य करने का समय आ चुका है , शहर में बड़े बड़े संगठन हैं , आरडब्लूए हैं , जो अपने आप को शक्तिशाली मानते हैं लेकिन सच्चाई यह है की नॉएडा प्राधिकरण ने यहाँ लोकतंत्र का गला घोंटा हुआ है , संगठन अपने आप को कुछ भी समझें नॉएडा प्राधिकरण यहाँ सर्वेसर्वा है और जनता की यहाँ नॉएडा प्राधिकरण की नज़र में उतना ही मूल्य है जितना उसे ज़रूरत होती है। गाँवों में ग्राम पंचायत समाप्त कर , शहर में म्युनिसिपल सिस्टम न लाकर यहाँ की जनता के अधिकारों का हनन सालों से जारी है , ऐसे में सभी संस्थाओं , फोनरवा , डीडीआरडब्लूए , समस्त सेक्टर की आरडब्लूए , गाँवों की आरडब्लूए , समितियों को जागृत होने समय आ चुका है। देखना होगा यह नाम के संगठन अपनी असली शक्ति पहचान और मनवा पाएंगे या नहीं।