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गाजियाबाद कमिश्नरेट का सुपर कारनामा, अब तक 535 लोगो को शांति भंग में भेजा जेल, अपर जिला जज ने पत्र लिख याद दिलाया सुप्रीम कोर्ट का आदेश

उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद लगातार प्रश्न उठ रहे हैं । अब ऐसा ही एक प्रकरण गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के मामले में आ रहा है । जानकारी के अनुसार गाजियाबाद में मई महीने में ही 535 लोगों को शांति भंग की आशंका में पुलिस ने 107,116, 151 के अंतर्गत जेल भेज दिया गया है । एनसीआर खबर के पास इस पत्र की कापी है । पत्र के सार्वजनिक होने के बाद कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया है जानकारी के अनुसार लगभग 40% बंदी सिर्फ शांति भंग के आरोपी है ।

गाजियाबाद पुलिस की एकतरफा कार्यवाही पर उठाए प्रश्न

पत्र के अनुसार अपर जिला जज ने पुलिस कमिश्नरेट को पत्र में लिखा है कि गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट शांति भंग की आशंका में 107,116 और 151 की धाराओं में चालान कर रहा है। उन्होंने इसके लिए हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया है । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ये निरोधात्मक है दंडात्मक नही होना चाहिए इसके साथ ही आरोपी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का ध्यान रखा जाना चाहिए।

लोगो मे इसे कमिश्नरेट के अधिकारों का दुरुपयोग बताया जा रहा है । जानकारी के अनुसार शांति भंग की आशंका के आरोप में लोगों का एक लाख से लेकर 5 लाख तक का चालान किया जाता है। ना देने पर जेल भेजा जाता है ।कार्यपालक मजिस्ट्रेट पर एक तरफा कार्यवाही के आरोप भी लग रहे है ।

गाजियाबाद ही नही, गौतमबुद्ध नगर समेत यूपी के सभी कमिश्नरेट का यही हाल, हाई कोर्ट ले सकता है संज्ञान

वही गाजियाबाद के मामले सामने आने के बाद गौतम बुध नगर के पुलिस कमिश्नरेट में भी लोगों ने ऐसे ही आरोप लगाए हैं। लोगों ने कहा है कि अक्सर बिल्डर के साथ होने वाले प्रदर्शनों को लेकर यहां पर भी पुलिस कमिश्नरेट 107, 116 के अंतर्गत कार्यवाही कर देता है जिसमें एक से ₹500000 का चालान और इतने ही रुपए के दो जमानती भी मांगे जाते हैं । ऐसे में अपराधियों पर लगाम लगाते लगाते पुलिस अब आम आदमी को उसके अधिकारों के लिए लड़ाई से भी रोक रही है।

लोगो का कहना है कि यूपी में कई जिलों गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, बनारस में कमिश्नरेट आने के बाद पुलिस के के पास 107,116 और 151 के अंतर्गत सुनवाई के अधिकार होते है । लेकिन सभी जगह पुलिस अब इसका दुरुपयोग कर रही है । लगातार सभी जगह से ऐसे मामलों का की संख्या बढ़ती जा रही है जहां पुलिस मामूली बातों पर लोगों का 107/16 में चालान कर देती है । ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि है कोर्ट भी इसका स्वत संज्ञान ले सकती है ।

आशु भटनागर

आशु भटनागर बीते दशक भर से राजनतिक विश्लेषक के तोर पर सक्रिय हैं साथ ही दिल्ली एनसीआर की स्थानीय राजनीति को कवर करते रहे है I वर्तमान मे एनसीआर खबर के संपादक है I उनको आप एनसीआर खबर के prime time पर भी चर्चा मे सुन सकते है I Twitter : https://twitter.com/ashubhatnaagar हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I एनसीआर खबर पर समाचार और विज्ञापन के लिए हमे संपर्क करे । हमारे लेख/समाचार ऐसे ही सीधे आपके व्हाट्सएप पर प्राप्त करने के लिए वार्षिक मूल्य(501) हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये देकर उसकी डिटेल हमे व्हाट्सएप अवश्य करे

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