उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 11 मई को वोट पड़ गए है । दादरी नगर पालिका में चुनाव के बाद लोगों को अपने अपने प्रत्याशी की जीत के दावे के बीच आम आदमी की सोच यही है कि आखिर शनिवार को किस की किस्मत जागेगी । एनसीआर खबर ने “एबीआरबी सर्वे” के साथ मिलकर बीते 10 दिनों में और चुनाव के दिन पोलिंग बूथ पर 1500 लोगो के बीच जा कर सर्वे किया इसके साथ ही कई पत्रकारों और राजनेताओं से भी बातें की है ।
सर्वे में दो बातें स्पष्ट रही की भाजपा का संगठन अपने प्रत्याशी के लिए माहौल बनाने में तो कामयाब रहा, भाजपा के ही विद्रोही प्रत्याशी जगभूषण गर्ग को भी अपने पाले में लाने सफल रहा । यद्यपि वह चुनाव वाले दिन तक जग भूषण गर्ग को दादरी में सामने ना ला पाने की स्थिति के चलते वैश्य समाज को पूरी तरीके से कॉन्फिडेंस में नहीं ले पाया वैश्य समाज में भी जग भूषण गर्ग के लापता होने के बावजूद स्कूटर को सम्मानित वोट दिलाने की रणनीति पर चुपचाप काम करने की बातें होती रही तो कई बड़े परिवार कल छुट्टी मनाने चले गए । स्थिति ये है कि वैश्य बाहुल्य एक वार्ड में मात्र 37 % वोटिंग हुई हैं।
वही गीता पंडित के धुरविरोधियो ने जग भूषण के ना होने पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अयूब मलिक को वोट दिया है दादरी के अंदर समाजवादी पार्टी भी यह संदेश देने में सफल रही की अयूब मलिक को जिताने से मुस्लिम चेयरमैन का डर जो भाजपा बना रही है वह नहीं बनेगा । साथ ही समाजवादी पार्टी अयूब को मुस्लिम समाज से चुपचाप वोट देने की रणनीति पर काम करने में सफल रही है । दादरी में पढ़ने वाले हर 10 मुस्लिम वोट में 9 अयूब मलिक को गया है जिसके चलते मुकाबला अब गीता पंडित और अयूब मलिक के बीच सिमट कर रह गया है ।
एनसीआर खबर और एबीआरबी के सर्वे के अनुसार गीता पंडित को कुल वोटों का 30 से 35% वोट मिल सकता है जबकि अयूब मलिक को कुल वोटों का 45 से 55 प्रतिशत वोट मिल सकता है। तो रण छोड़ चुके जग भूषण गर्ग को इस स्थिति में भी 3 से 8 % वोट मिलने की संभावना है
सर्वे में ये भी तथ्य सामने आया की जहां बसपा के रविंद भाटी को संगठन के वोट के अलावा गुर्जर समुदाय का भी वोट मिलता दिख रहा है ऐसे में वो 10 से 15 % वोट पा रहे है । वही कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा उर्फ अशोक पंडित को संगठन का समर्थन ना मिलने के बावजूद 5 से 10% वोट मिलने की संभावना बन रही है ।
एबीआरबी और एनसीआर खबर के सर्वे पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश बैरागी ने अपने विशेष टिप्पणी में कहा कि अब माहौल और सर्वे के हिसाब से स्थिति पूरी तरीके से अयूब मलिक के पक्ष में हैं हालांकि 5 से 7 पर्सेंट वोटों का स्विंग परिस्थिति को बदल सकता है सत्तारूढ़ दल के प्रभाव में अब स्थिति यह है छेद को बंद करने के लिए रफू तो किया जा सकता था मगर पाबंद लगाकर उसे सही करना संभव नहीं है ।
वही एनसीआर खबर के संपादक आशु भटनागर ने सर्वे को वोटर्स के बाहर आकर बताने के ऊपर निर्भर बताया है वोटर मुखर होकर क्या बोलता है और अंदर क्या करके आता है इसकी संभावना भी कभी-कभी विपरीत हो सकती है ।