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शीरोस ने अब खेल के मैदान में भी मारी बाजी, एस्कोटल वूमेन टीम को दोस्ताना क्रिकेट मैच में हराया

शीरोज, कैफे हैंगआउट से अपनी जुनून, मेहनत व मजबूत इच्छा शक्ति से लोगों का दिल जीतने के बाद अब खेल के मैदान में भी लोगो का दिल जीतने में लग गई है।नोएडा स्टेडियम में शीरोस (शी-हीरोज, एसिड अटैक सर्वाइवरस ) व एस्कोटल के पूर्व कर्मचारियों के परिवार के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेला गया। शीरोस की नोएडा स्थित पूरी टीम ने पूरे उत्साह के साथ इसमे भाग लिया। उन्होंने एस्कोटेल वूमेन टीम को एक कड़े मुकाबले में दो रनों से हरा कर 5100/- का इनाम जीता। इनाम लेते वक्त उनकी कप्तान रितु ने अपनी कहानी बयान की कि कैसे इन लड़कियों ने अपने दर्दनाक अतीत पीछे छोड़ एक अच्छे भविष्य की और कदम बढ़ाने की कोशिश की है।

रविवार को नोएडा स्टेडियम में शीरोस (शी-हीरोज, एसिड अटैक सर्वाइवरस ) व एस्कोटल के पूर्व कर्मचारियों के परिवार के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेला गया। शीरोस की नोएडा स्थित पूरी टीम ने पूरे उत्साह के साथ इसमे भाग लिया। उन्होंने एस्कोटेल वूमेन टीम को एक कड़े मुकाबले में दो रनों से हरा कर 5100/- का इनाम जीता। इनाम लेते वक्त उनकी कप्तान रितु ने अपनी कहानी बयान की कि कैसे इन लड़कियों ने अपने दर्दनाक अतीत पीछे छोड़ एक अच्छे भविष्य की और कदम बढ़ाने की कोशिश की है।

इस से पहले नोएडा क्रिकेट स्टेडियम में एस्कोटेल हरियाणा हरीकेंस व एस्कोटेल किंग्स के बीच एक रोमांचक मुकाबला हुआ।

हरियाणा हरीकेंस ने ये मैच 18 रन से जीत कर चैंपियंस की ट्रॉफी जीती। इनके कप्तान संजीव चौधरी को बेस्ट बॉलर का खिताब भी मिला। संजय गजवानी मैन ऑफ मैच, हरीश गुप्ता बेस्ट बैट्समैन व संतोष त्यागी ने बेस्ट फील्डर की ट्रॉफी जीती।

सुखपाल सिंह तूर, एस्कोटल के पूर्व कर्मचारी, ने बताया के कैप्टेन शुबेंदु की अगुवाई में लगभग दो दशकों के बाद पूर्व कर्मचारियों को इकठ्ठा किया गया है। उद्यमी कौशल, स्टार्टअप के इलावा अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी के ऊपर तालमेल से काम करने के लिए विचार विमर्श किया गया। एस्कोटेल की संस्कृति की विरासत को आगे ले जाने के लिए आम सहमति बनी।
शीरोस के साथ आज का क्रिकेट मैच व उनको हर संभव मदद देने का भरोसा, इसी प्रयास की एक पहली कड़ी थी।

एस्कोटेल मोबाइल की शुरुआत 1996-97 में हुई थी। बाद में इसको आइडिया सेल्यूलर ने खरीद लिया था लेकिन इसमें काम करने वाले लोग एक दूसरे के साथ जुड़े रहे।

शीरोस (शी-हीरोज), एसिड अटैक सर्वाइवरस की कहानी है जिनका शरीर झुलसा लेकिन हौसला नहीं। जिंदगी धीरे धीरे से आगे बढ़ी, आत्मविश्वास उत्पन हुआ और अब ये आत्मनिर्भर होने के लिए अग्रसर हैं।

एस्कोटेल पूर्व कर्मचारियों में कैप्टेन शुबेंदु कुमार, सुखपाल सिंह तूर, संजीव चौधरी, मृदुल गुप्ता, अरुण गौर, संतोष त्यागी, गुरनंदन सिंह, निपुन भंडारी, अमित मल्होत्रा, संदीप तलवार, मनिंदर बंसल, अनूप मित्रा, हरीश गुप्ता आदि का सहयोग उल्लेखनीय था।

NCRKhabar Mobile Desk

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