ग्रेटर नोएडा के बाद नोएडा में भी पालतू कुत्ते द्वारा एक बच्ची को काटने की घटना के बाद नोएडा अथॉरिटी ने कुत्ता पालक पर ₹10000 का अर्थदंड लगाया है जानकारी के अनुसार नोएडा के सेक्टर 57 में भाजपा नेताओं शर्मा रहते हैं उनकी पत्नी भी भाजपा में प्रादेशिक नेता है गुरुवार को उनकी 7 वर्षीय पुत्री नित्य शर्मा खेल रही थी तभी आरोपित सजल श्रीवास्तव के कुत्ते ने हमला करके उसकी जांघ में दो दांत गड़ा दिए इससे जान से मांस बाहर आ गया बच्ची को किसी तरीके से उसकी नानी ने बचाया और निजी अस्पताल में उपचार के बाद बच्ची की हालत स्थिर है
सोजन का आरोप है किसी 32 में रहने वाले सदस्य वास्तव में लगभग 10 कुत्ते पाले हुए हैं जिसमें से एक ने उनकी बच्ची पर हमला किया घटना के बाद इसकी शिकायत पुलिस प्राधिकरण में की गई जिसके बाद प्राधिकरण ने आरोपित के खिलाफ ₹10000 का अर्थदंड और बच्चे के इलाज का सारा खर्च देने के निर्देश जारी कर दिए
कुत्तों के आतंक से घरेलू सहायिकायो ने दी बहिष्कार की चेतावनी
इधर कुत्तों के बढ़ते आतंक के चलते सेक्टर 34 7182 122 सहित कई सेक्टर में काम करने वाली घरेलू सहायकों ने कामना करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि हम इन सेक्टरों में आवारा कुत्ते और पालतू कुत्ते लगातार घरेलू सहायकों को काटते रहते हैं ऐसे में अगर इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो वहीं सेक्टरों में काम करना छोड़ देंगे
सोशल मीडिया पर अर्थदंड के समाचारों से बौखलाए कुत्ता प्रेमी ट्रॉल्स
वही ग्रेटर नोएडा में पालतू कुत्ते द्वारा एक बच्चे को लिफ्ट में काटने के प्रकरण के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा कुत्ता पालक पर ₹10000 के अर्थदंड लगाने की घटना के बाद कुत्ता प्रेमी ट्रॉल्स बौखला गए और लगातार इस घटना को लेकर अपने को तक देने लगे । एक महिला ट्रोल ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चे के फोटो पर कमेंट करते हुए कहा कि यह बच्चे का खून नहीं है किसान जैम है ।
जिसके बाद लोगो के सवाल हैं कि क्या लिफ्ट में दिखाई कुत्ते काटने के वीडियो के सबूत के बाद भी इतनी बेशर्मी से कोई आरोपों को नकार सकता है यही नहीं कुत्ता प्रेमी ट्रॉल्स लगातार सोशल मीडिया पर प्राधिकरण से सबूत मांगते दिखाई दे रहे हैं जबकि इनको पता है कि सारे सबूत पुलिस और कोर्ट में पेश किए जाते हैं सोशल मीडिया पर नहीं ।
इस मामले पर पहले भी वरिष्ठ पत्रकार राजेश बैरागी नहीं इस तरीके की कुत्ता प्रेमियों उसकी हरकतों को निम्न स्तर का बताते हुए कहा था कि कदाचित इन लोगों को पता होता है कि घटनाएं हैं मगर बेशर्मी से नकारने की घटनाएं घटना से लोगों का ध्यान हटाने और उन्हें बेकार के प्रश्नों में उलझाने की रणनीति के तहत इंटरेस्ट द्वारा किया जाता है महिला मेडिकल माफिया या एनजीओ माफिया के जरिए कुत्तों के मामले पर अपना एजेंडा साबित किया जा सके । एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने तो यहां तक कहा कि कुत्तों के मामले में प्रदेश और केंद्र सरकार को एनजीओ के कार्य शैलियों की जांच कराना जरूरी हो गया है ताकि यह पता चल सके कि आखिर यह तथाकथित कुत्ते प्रेमियों का इंटरेस्ट इतना ज्यादा क्यों है
वहीं कुछ लोगों ने इसको भाजपा नेत्री मेनका गांधी के संगठन से भी जुड़ा होना बताया है हालांकि इन बातों की पुष्टि संभव नहीं हो पाती कि ये ट्रॉल्स सीधे मेनका गांधी से जुड़े होते हैं ।