धर्म परिवर्तन प्रदर्शित करने वाली फिल्म ‘The Kerala Story’ पर कांग्रेस ने प्रतिबंध लगाने की रखी मांग

 The Kerala Story Teaser Controversy: सत्य घटनाओं पर आधारित एक और फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की समस्याए बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. ‘द केरल स्टोरी‘ का टीजर रिलीज के बाद से ही लगातार विवादों में घिरा हुआ है I केरल कांग्रेस लीडर विडी सतीशन का कहना है “मैंने टीज़र को देखा है, वो सीधे झूठी खबर फैला रही है। ऐसा कुछ भी केरल में हुआ नहीं है। अन्य राज्यों के सामने ये सिर्फ केरल की छवि को नीचा गिराने का प्रयास है। ये घृणा को बढ़ावा दे रही है, इसलिए इसे प्रतिबंध करना चाहिए।

कदाचित ये निर्माता विपुल शाह और सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित फिल्‍म 32,000 से अधिक महिलाओं का धर्म परिवर्तन पर आधारित है जिसमें से अधिकांश को अगवा करके सीरिया और अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले क्षेत्रों में ले जाया गया था।

फिल्‍म के टीजर आउट होने के बाद केरल के डीजीपी ने तिरुवनंतपुरम के आयुक्त से द केरल स्‍टोरी के क्रू मेंबर के खिलाफ कथित तौर पर राज्य को आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में दिखाने का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन लगाने की मांग ‘द कश्मीर फाइल्स’ के विरोध की तरह ही मानी जा रही है I आपको स्मरण होगा कि द कश्मीर फाइल्स में दिखाए गए कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को घृणा फैलाने और गलतबयानी करने वाली फिल्म बताकर खारिज करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई थी I ठीक इसी तरह से ‘द केरल स्टोरी’ पर भी इन्हीं आरोपों के साथ बैन लगाने की मांग की जा रही है. ये अलग बात है कि यह फिल्म भी कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार की तरह ही केरल की लड़कियों से जुड़ी सत्य घटनाओं पर आधारित बताया जा रहा है

इस तरह के सबजेक्ट पर काम करने से अच्छे अच्छे लोग कतराते हैं लेकिन निर्माता विपुल अमृतलाल शाह इस भयानक कहानी को 4 साल के रीसर्च के साथ बड़े पर्दे पर ला पाए हैं। निर्देशक सुदीप्तो सेन ने इस फिल्म को बनाने के लिए केरल और कई अरब देशों की यात्रा भी की। वहां के स्थानीय लोगों और पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और उनके जीवन को देखकर हैरान रह गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2009 में केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 हिंदू और ईसाई समुदायों की लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित किया गया था और उनमें से अधिकांश आज सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्रों में मौजूद हैं। फिल्म इन महिलाओं की इस साजिश और दर्द के पीछे की सच्चाई को दिखाएगी। ये फिल्म साल 2023 के शुरुआत में सिनेमाघरों में रिलीज होगी।