वाटर कनेक्शन के लिए डीडीए वाटर सेल( रोहिणी) के स्टाफ का कहना है ले देकर ही काम होगा । भारत जागरूक नागरिक संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने डीडीए स्टाफ पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि 25 अक्टूबर को रोहिणी के सेक्टर 30 पॉकेट C2 में वाटर कनेक्शन के लिए आवेदन डीडीए कार्यालय मधुबन चौक में दिया गया ।काफी दिन बीतने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं मिला।
बाद में पता करने पर वहां के स्टाफ ने बताया कि ‘कुछ ले देकर ही फाइल बनेगी और आगे बढ़ेगी अन्यथा आवेदन वैसे ही पड़ा रहेगा’ । शैलेंद्र ने बताया कि सुनकर वे हैरान हो गए हैं कि डीडीए जो भारत की राजधानी की अथॉरिटी है वहां के स्टाफ इस तरह की बात कर रहे हैं और रिश्वत की डिमांड करते हैं । जबकि यहां पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार नहीं होने का दावा लगातार ठोकते आ रहे हैं ।

उन्होंने आरोप लगाया कि इसी भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण रोहिणी के सेक्टर 30 के सीटू पॉकेट में आज तक किसी को पानी का कनेक्शन दिया नहीं गया और ना ही पानी सप्लाई चालू की गई l
वाटर सेल का जो आवेदन पत्र का फॉर्मेट है उसमें आवेदन प्राप्ति की कोई कॉलम बनाया ही नहीं गया । इसी का फायदा उठाकर स्टाफ मनमानी कर रहे हैं और भ्रष्टाचार कर रहे हैं l आवेदन कर्ता के पास कोई प्रूफ नहीं होता । आवेदन की फोटोकॉपी पर बड़ी मुश्किल से सिग्नेचर करते हैं, मोहर तो लगाते तक नहीं ।
वाटर सेल के अधिकारियों से भी मिलने में परेशानी है वहां के स्टाफ उनके बारे में गुमराह करते हैं । अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचाना मुश्किल है । इसीलिए ट्वीट करके डीडीए रोहिणी वाटर सेल की शिकायत दी गई । शैलेंद्र ने अपने आरोपों के लिए पर्याप्त सबूत समय आने पर पेश करने की बात कही ।
एनसीआर खबर इस मामले पर डीडीए और आम आदमी पार्टी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है उनकिंतरफ से इस मामले में जानकारी मिलते ही उसको प्रकाशित किया जाएगा