संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते दिनों लखीमपुर खीरी में भाजपा कार्यकर्ता के परिवार से मिलने जाने पर स्वराज के संयोजक व योगेंद्र यादव को 1 महीने के लिए निष्कासित कर दिया जिसके बाद योगेंद्र यादव ने एक पत्र लिखकर शारीरिक तौर पर किसान मोर्चा के फैसले का सम्मान करते हुए अपनी गलती मानी हालांकि उन्होंने उस पत्र में लिखा कि किसी मृतक के यहां जाने का उनका फैसला अपना सही था लेकिन अब माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव किसान आंदोलन से खुद को अलग कर एक अलग अभियान शुरू कर सकते हैं
माना जा रहा है कि स्वराज अभियान के अंतर्गत आने वाले किसान संगठन जय किसान आंदोलन की कमान योगेंद्र यादव के पास ही है ऐसे में योगेंद्र यादव निलंबन की अवधि में अपने राज्य हरियाणा के मंडियों का दौरा करने का प्लान बना रहे हैं साथ ही इस वक्त का सदुपयोग हो अपने संगठन को मजबूत करने में भी करने जा रहे हैं जानकारों की मानें तो योगेंद्र यादव की पीड़ा का कारण ये भी है कि गुरनाम सिंह मामले में किसान संयुक्त मोर्चा उनकी माफी से ही संतुष्ट हो गया था वहीं उनके मामले में माफी के बाद ऐसा नहीं हुआ।
ऐसे में योगेंद्र यादव खोल कर तो नहीं कुछ कह रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा नीति और सिद्धांत की बात की है 1 महीने का समय उन्हें अवसर के तौर पर मिला है जिसमें वह विभिन्न राज्यों में मंडियों का दौरा करने जा रहे हैं सामूहिक राय के आगे व्यक्तिगत राय का कोई महत्व नहीं है इसलिए वह किसान मोर्चा के निर्णय पर कुछ नहीं कहना चाहेंगे