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बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुरू हुआ नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श शिविर

कोरोना महामारी ने लोगों को न केवल शारीरिक-आर्थिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित किया है जिसके फलस्वरूप आत्महत्या के केस और मानसिक रोग के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ती जा रही है। मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद के कारण, गौतम बुद्ध नगर में शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बहुत से लोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं और मानसिक रोगों जैसे सामाजिक कलंक, मनोभ्रंश, हिस्टीरिया, चिंता, संकीर्णता से पीड़ित हो रहे हैं।

हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस इन समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। ताकि लोग मानसिक समस्याओं और बीमारियों के प्रति जागरूक हो सकें और समय पर अपना इलाज करा सकें। हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने के लिए एक थीम तय की जाती है और इस साल 2021 में ‘एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य’ नामक थीम निर्धारित की गयी है।

मानसिक रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर कुणाल कुमार ने कहा कि बढ़ती मानसिक बीमारियों को लेकर शारदा अस्पताल काफी गंभीर है और समाज में मानसिक रोगों से संबंधित जागरूकता और इलाज के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ लगातार काम कर रहा है। यह जटिल बीमारी धीरे-धीरे बुजुर्गों, महिलाओं, पुरुषों, युवाओं और यहाँ तक की बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। लेकिन सही समय पर सही सलाह लिया जाए तो इस बीमारी के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसरख में 9 अक्टूबर 2021 को नि:शुल्क मानसिक स्वास्थ्य परामर्श शिविर शुरू किया है। इस उद्घाटन के साथ ही यह परामर्श शिविर हर महीने के दूसरे और चौथे बुधवार को आयोजित किया जाएगा। इस शिविर का उद्देश्य बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में गलत धारणाओं को दूर करते हुए संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों को परामर्श शिविरों में आने के लिए प्रोत्साहित करना है।

डॉक्टर कुणाल कुमार ने यह साझा करते हुए बताया कि आज हमारी टीम ने मानसिक रोगों के लक्षणों जैसे कि उदासी, नींद न आना, चिड़चिड़ापन, भूख मर जाना, मन में घबराहट, अकेले बुदबुदाना और ओसीडी आदि पर मरीजों सचेत किया और मानसिक स्वास्थ्य पर अवसाद, मादक द्रव्यों के सेवन आदि के दुष्प्रभावों के बारे में परामर्श दिया। उन्होंने ये भी कहा कि लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने चाहिए और किसी भी गंभीर स्थिति में शारदा अस्पताल लोगों की सेवा और उपचार के लिए प्रतिबद्ध है।

बिसरख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ सचिन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि बिसरख क्षेत्र के लोगों को अपने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। कोरोना महामारी हम सबके लिए संकट लेकर आई है लेकिन हमारे सकारात्मक विचार और विनम्र व्यवहार न केवल करना जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से निपटने में भी प्रभावी रूप से मदद कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति शारदा अस्पताल की इस महत्वपूर्ण पहल में सभी नागरिको को शामिल होना चाहिए और नागरिकों द्वारा पीड़ितों को निशुल्क परामर्श शिविर में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

NCRKhabar Mobile Desk

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