भाजपा के 5 प्रत्याशी घोषित किए जाने के साथ ही एक बार फिर से तय हो गया कि जिले में सांसद विधायक की नही संगठन के कार्यकर्ताओं की राय ही काम कर रही है ।
भाजपा के प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही दादरी और जेवर विधायको के साथ भी समस्या खड़ी हो गई है । दोनो ही विधायक अपने अपने समर्थक के लिए टिकट चाहते थे लेकिन वार्ड नंबर 3 और वार्ड नंबर 5 के घोषित प्रत्याशियों के बाद दोनो के सामने समस्या खड़ी हो गई है । वार्ड नंबर 3 से देवा भाटी को उम्मीदवार घोषित किया गया है जबकि राज्यसभा सांसद और दादरी विधायक बसपा से आए नेता की पैरवी कर रहे थे । ठीक ऐसे ही वार्ड नंबर 5 से अमित चौधरी को टिकट मिला है जबकि जेवर विधायक अपने प्रत्याशी को टिकट दिलाने चाह रहे थे। अमित चौधरी को टिकट ना मिले इसके लिए तमाम खबरे प्लांट की जा रही थी उनके चिपियाना से होने की बातें भी की जा रही थी
लेकिन अब दोनो के सामने समस्या है की अगर ये दोनो प्रत्याशी चुनाव हारते है तो इनकी इमेज खराब होगी । अपने ही प्रत्याशी को ना जिताने का दाग लगेगा। लेकिन अगर जीत जाते है तो अपने विरोधी गुट के प्रत्याशी को जीता कर अपना नुकसान करेंगे। इसके साथ ही संगठन और अपने समर्थकों के बीच संतुलन बनाना ही दोनो विधायको के सामने असली चुनौती रहेगी।
दरअसल बीते 4 बरस में लगातार ऐसा हुआ है जब ये बार बार साबित हुआ है कि जिले के दोनो विधायक पार्टी में अपना असर नहीं दिखा पा रहे है । यहां तक की बीते दिनों संगठन में।जब पदो की घोषणा की गई तो नव निर्वाचित एमएलसी श्रीचंद शर्मा तक पद पा गए और उनको ही राज्य मंत्री का प्रभार तक दिया गया है
भाजपा के लोगो का कहना है इसका प्रमुख कारण दोनो का ही गैर भाजपा होने का इतिहास है दोनो ही पिछले चुनाव से पहले भाजपा में आए तो टिकट पाकर चुनाव जीत गए है। पंचायत चुनावों में भी लोगो ने लखनऊ तक परिक्रमा में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन अब प्रत्याशियों की घोषणा के बाद सब साफ हो गया है ।