6 दिसम्बर की बाबरी विन्ध्वंस की घंटना पर सीबीआई की विशेष अदालत का फ़ैसला आ गया है I जज एसके यादव ने आज अपना फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि 6 दिसम्बर की घंटना पूर्व नियोजित नहीं थी जो कुछ हुआ अचानक हुआ, अभियोजन पक्ष अपनी कोई दलील साबित नहीं कर पाया है I विडियो के आधार पर ये देखा गया है की ये सभी लोगो से रोकने की अपील कर रहे थे इसलिए सारे आरोपियों को बरी किया गया है सीबीआई की विशेष अदालत के जज एसके यादव ने कहा, ‘बारह बजे तक सब सामान्य था। फिर अचानक पीछे की तरफ से मसजिद पर हमला हुआ, जो ढांचा गिरा, वो कुछ अराजक तत्वों, शरारती तत्वों के द्वारा गिराया गया।’ अदालत ने यह भी कहा कि फोटो से कोई आरोपी नहीं हो जाता
आपको बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी ढांचा गिरने के बाद फैजाबाद में दो FIR दर्ज कराई गई थी। FIR नंबर 198 लाखों कार सेवकों के खिलाफ थी जबकि FIR नंबर 198 संघ परिवार के कार्यकर्ताओं समेत आडवाणी, जोशी, तत्कालीन शिवसेना नेता बाल ठाकरे, उमा भारती आदि के खिलाफ थी।
32 अभियुक्तों में से विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राय, जय भगवान, धर्मदास, पवन पांडे, ओम प्रकाश पांडे, विजय बहादुर सिंह, धर्मेंद्र देव, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, गांधी यादव, नवीन भाई शुक्ल कोर्ट रूम में मौजूद रहे।
जबकि लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, नृत्य गोपाल दास औऱ सतीश प्रधान वर्चुअल तरीके से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए