नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय हिजबुल आतंकी की गिरफ्तारी पर मचे बवाल के बाद लियाकत अली शाह के सच की जांच को तैयार है। गृह सचिव आरके सिंह के अनुसार, लियाकत की गिरफ्तारी पर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस के दावों की पड़ताल के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
गृह मंत्रालय इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपने पर भी विचार कर रहा है। दिल्ली पुलिस लियाकत की गिरफ्तारी पर पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप चुकी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी उसके पुनर्वास के लिए वापस लौटने से जुड़े दस्तावेज मंत्रालय को भेज दिए हैं। मंत्रालय मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मांग के मुताबिक, मामले की जांच एनआइए को सौंपने के मामले में सोमवार को फैसला ले सकता है।
ज्ञात हो,लियाकत अली को गोरखपुर से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस इस गिरफ्तारी से देश की राजधानी में आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश करने का दावा कर रही है। इस सिलसिले में लियाकत की निशानदेही पर जामा मस्जिद के पीछे स्थित एक होटल के कमरे से एके 47 और विस्फोटक बरामद होने का भी दावा किया जा रहा है। वहीं, लियाकत के परिजन और जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि वह आतंकी गतिविधियां छोड़ चुका है और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत नेपाल के रास्ते पाक अधिकृत कश्मीर से घाटी लौट रहा था। बताया जा रहा है कि उसके साथ उसकी पत्नी, बेटी के अलावा एक अन्य पूर्व आतंकी के परिजन भी थे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद ही लियाकत की सच्चाई का पता चल पाएगा।