मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रहे विवाद के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे। समाजवादी पार्टी में साइकिल सिंबल को लेकर अभी भी कलह जारी है। इसके साथ ही इस बीच खबर है कि अगर पार्टी का सिंबल सीज होता है, तो मुलायम सिंह को कई साल पुरानी अपनी पार्टी लोकदल से हल जोतते किसान का पुराना सिंबल मिल सकता है। इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है। लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह मुलायम सिंह यादव के दिल्ली निवास पहुंचे, लोकदल के चिन्ह को लेकर बैठक शुरू हो गई है।
मुलायम खेमे की अगर बात करें, तो लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह से इस बारे में मुलायम की कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अमर सिंह ने लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह से इसे लेकर लंबी बात की है।
मुलायम सिंबल सीज होने के बाद अपने पुराने दल के निशान से चुनाव मैदान में जाने को तैयार भी हैं, क्योंकि उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत लोकदल से ही हुई थी। मुलायम सिंह यादव ने 1982 में लोकदल के अध्यक्ष बनाए गए थे। वे खुद को लोकदल के संस्थापक चौधरी चरण सिंह का असली वारिस भी बता चुके हैं।
1985 में मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में लोकदल को 85 सीटों पर जीत भी दिलवाई थी। इसके बाद ही उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया था। कहा जा रहा है कि अमर के साथ शिवपाल भी सुनील सिंह के कान्टेक्ट में हैं। कई दौर की बातचीत हो चुकी है। अब आखिरी फैसला मुलायम को लेना है।
समाजवादी पार्टी में विवाद के बीच मंगलवार सुबह अखिलेश यादव मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे, लेकिन डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद भी मामला अटका रहा। मुलायम यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने, इलेक्शन कमीशन से सिंबल की दावेदारी वापस लेने, रामगोपाल को पार्टी से बाहर करने जैसे मुद्दों को उठाया। अखिलेश ने भी अमर सिंह को पार्टी से निकालने और चुनाव में खुद को पार्टी फेस के तौर पर प्रोजेक्ट करने पर जोर दिया। बता दें कि इससे पहले दोनों गुटों के बीच 31 दिसंबर के बाद अब तक सुलह की 7 कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन सभी नाकाम रही हैं। ये आठवीं कोशिश थी।
मुलायम ने चुनाव आयोग को बताया कि रामगोपाल यादव ने पार्टी का जो अधिवेशन बुलाया था, वह पार्टी के संविधान के मुताबिक नहीं था। इसलिए उसमें लिए गए फैसले वैध नहीं हैं। अमर सिंह और शिवपाल यादव के साथ मुलायम इलेक्शन कमीशन पहुंचे थे। मुलायम सिंह ने इस बीच राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को लेटर लिखकर रामगोपाल यादव से राज्यसभा में एसपी के नेता का दर्जा वापस लिए जाने की मांग की है।
अखिलेश का प्लान बी तैयार है, जा सकते हैं समाजवादी जनता पार्टी में
सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की टीम लोकदल के संपर्क में है, वहीं टीम अखिलेश का प्लान बी तैयार है। अगर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष की मान्यता नहीं मिली और साइकल सिंबल सीज हुआ तो अखिलेश यादव पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पार्टी समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) से लड़ने की तैयारी में हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रो रामगोपाल की सजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल मोरारका से बातचीत हुई है और वह अखिलेश के लिए अपना सिंबल देने को तैयार हैं। चंद्रशेखर की पार्टी भी यूपी में इसी निशान से चुनाव लड़ती आयी है।
अखिलेश भी इस बात पर सहमत हैं क्योंकि सजपा का नाम भी समाजवादी पार्टी से मिलता जुलता है। इससे उन्हें चुनाव में फायदा होगा।