सीबीआई बहुत जल्द ही आय से अधिक संपत्ति के मामले में रॉ के पूर्व चीफ एके वर्मा के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करेगी.
अगर जरूरत पड़ी तो सीबीआई वर्मा और उनके परिवारवालों से स्पष्टीकरण भी मांगेगी. जांच एजेंसी ने यह निर्णय सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के कहने पर लिया है. हाल ही में सीबीआई कोर्ट ने रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के एक पूर्व अधिकारी आरके यादव की अर्जी को संज्ञान में लेते हुए एजेंसी को जांच करने को कहा था.
पूर्व रॉ अधिकारी आरके यादव ने अपनी अर्जी में वर्मा के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की.
यादव ने यह भी आरोप लगाया कि 1987 से 1990 के बीच देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी के चीफ रहे एके वर्मा ने सीक्रेट फंड का दुरुपयोग किया. यादव के मुताबिक, जब श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का ऑपरेशन चला था, उस दौरान वर्मा ने सीक्रेट फंड का जबरदस्त दुरुपयोग किया. यादव ने अपनी अर्जी में वर्मा की कुछ संपत्तियों का ब्यौरा दिया है.
उन्होंने आरोप लगाया है कि यह संपत्ति उस दौरान दुरुपयोग किए गए फंड का ही नतीजा है. पूर्व रॉ अधिकारी यादव ने कहा है कि संपत्ति के मालिक वर्मा और उनके परिवार के सदस्य हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्मा के नोएडा में फ्लैट, ग्रेटर कैलाश शॉपिंग कांप्लेस में अचल संपत्ति, जनकपुरी में फ्लैट, फिरोजशाह रोड कनॉट प्लेस में फ्लैट और बिजवासन और महरौली में फार्महाउस, ओखला में एक कंप्यूटर फैक्टरी और एयरपोर्ट रोड बेंगलुरू में दो फ्लैट हैं.
हालांकि वर्मा ने इन आरोपों को निराधार बताया है. वह कह चुके हैं कि यादव प्रधानमंत्री, सांसदों, सीवीसी समेत कई लोगों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कुछ निकला नहीं. कोर्ट के आदेश को देखते हुए सीबीआई पीई दर्ज करने की तैयारी में है.
जरूरत पड़ी तो इन चल और अचल संपत्तियों के ब्यौरे और मालिकाना हक की वास्तविकता जानने के लिए वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.