‘यह कुदरत का कानून है, यह तो होना ही था। कानून उसे सजा देता, उससे पहले उसने खुद ही अपनी सजा तय कर ली।’ भारी मन से लंबी सांस लेते हुए यह बात वसंत विहार गैंग रेप पीड़िता की मां ने कही।
वसंत विहार में 16 दिसंबर 2012 को बिटिया के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर जान दे दी। यह खबर बिटिया के घर तक पहुंची तो परिवार को बेशक इससे खुशी नहीं हुई लेकिन उन्हें संतोष जरूर हुआ।
मुख्य आरोपी रामसिंह की नियति पर बिटिया के परिवार ने सुकून की सांस ली है। परिवार को इस बात का संतोष है कि जिस शख्स ने उनकी बेटी के साथ इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया था। उसने खुद को सजा देकर कुदरत के इंसाफ को साबित किया है।
राम सिंह ने 16 दिसंबर की रात को पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर चलती बस में बिटिया से दुष्कर्म किया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था। बाद में सिंगापुर के एक अस्पताल में बिटिया का देहांत हो गया था। बिटिया की मां ने अमर उजाला से खास बातचीत में दिल का हाल बयान किया।
उन्होंने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है। बाकी काम कानून करेगा। हालांकि, मां ने राम सिंह की खुदकुशी पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। जब उनसे पूछा गया कि इस घटना ने पुराने जख्मों को फिर से ताजा कर दिया है तो उन्होंने बड़ी बेबसी के साथ कहा कि अभी तक पुरानी यादें मिटी नहीं हैं। पुराने जख्म अभी भी ताजा हैं।
बिटिया के भाई ने कहा कि अगर कानून उसे सजा देता तो ज्यादा अच्छा होता। स्थानीय लोगों का भी यहीं कहना है। स्थानीय आरडब्ल्यूए के प्रधान राजेश ओझा ने कहा कि जो सजा बिटिया को मिली थी। राम सिंह को भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए थी। उसने बेहद आसान तरीके से खुद को मुक्त कर लिया है। उसे कानून सजा देता तो लोगों को ज्यादा संतोष होता।