महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर रविवार को डुबकी लगाने के साथ ही 56 दिनों का महापर्व पूरा हो गया। मेला प्रशासन का दावा है कि लगभग 70 लाख श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया।
अंतिम स्नान पर्व पर रेलमंत्री पवन बंसल ने भी परिजनों के साथ संगम में डुबकी लगाई। 56 दिनों में दुनिया भर से पहुंचे करीब नौ करोड़ लोगों ने आस्था का स्नान किया।
स्नान का क्रम भोर से ही शुरू हो गया था जो देर रात तक जारी रहा। मौनी अमावस्या के बाद अखाड़े विदा हो गए थे, माघी पूर्णिमा पर कल्पवासियों ने डेरा उठाया और अब महाशिवरात्रि पर उन्होंने भी संगम की रेती को प्रणाम किया जो अब तक किसी आयोजन, अनुष्ठान के लिए रुके थे।
स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयकारों के बीच शिव और सूर्य को अर्घ्य दिया। संगम क्षेत्र में पहली बार अमरनाथ गुफा मंदिर और अनेक प्रकार की जड़ी बूटियों से तैयार सवा कुंतल के पारदेश्वर शिवलिंग की भी पूजा की गई। विवादों से शुरू हुए महाकुंभ में नरेंद्र मोदी को पीएम के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने, महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने, भगदड़ जैसे मुद्दे हावी रहे।