जासूसी की वजह से खतरे में पड़ सकते हैं राहुल गांधी!

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जासूसी को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इशारों-इशारों में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा तो भाजपा सदस्य शोर-शराबा करने लगे। इस कारण सदन की कार्यवाही 20 मिनट स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह व अखिलेश प्रताप सिंह ने काम रोको प्रस्ताव के जरिये राहुल की जासूसी का मामला उठाया। हालांकि अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का कहना था कि मामला विधानसभा से संबंधित नहीं है। वहीं, कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि राहुल यूपी के सांसद हैं, इसलिए सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी है।
अनुग्रह ने महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके पीछे सांप्रदायिक ताकतों का हाथ था। 14 मार्च को दिल्ली पुलिस ने राहुल के आवास पर ऐसी निजी जानकारियां हासिल करने की कोशिश कीं, जिससे उनको खतरा हो सकता है।अनुग्रह ने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना सबका साथ, सबका विकास, सबके लिए मन की बात आदि का उल्लेख करना शुरू किया तो भाजपा सदस्य शोर-शराबा करने लगे। अध्यक्ष ने 12.19 बजे सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की। बाद में स्थगन 10 मिनट बढ़ा दिया।
12.39 बजे कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष ने काम रोको प्रस्ताव अस्वीकार करने की घोषणा कर दी। भाजपा सदस्य यह मांग करते हुए वेल में आ गए कि कांग्रेस के सदस्य ने जो बात कही है, उसे कार्यवाही से निकालें। कांग्रेस सदस्य भी वेल में आ गए। अध्यक्ष के आग्रह के बाद सदस्य सीटों पर लौटे। अध्यक्ष ने कहा कि जो असंसदीय होगा, उसे कार्यवाही से निकाल देंगे। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि नेहरू परिवार ने जिस तरह से नुकसान उठाया है, उससे पूरा देश परिचित है।
राहुल को लेकर कांग्रेस की फिक्रमंदी सही भी है। वे सांसद हैं। हालांकि यह विधानसभा का मुद्दा नहीं है, फिर भी अगर राहुल की सुरक्षा को खतरा है तो सरकार उसकी मॉनीटरिंग करेगी।