पीक आवर्स में होने वाली भीड़भाड़ को डीएमआरसी ने कम करने की प्लानिंग की है। पैसेंजर्स की सहूलियत के लिए सुबह और शाम के पीक आवर्स में मेट्रो ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का फैसला किया है। इसके लिए एक्स्ट्रा ट्रेनों को उतारा जाएगा।
मेट्रो प्रवक्ता के मुताबिक यह सुविधा 2 मार्च से शुरू हो रही है। इसके लिए सुबह 11 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच और उसके बाद शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे के बीच मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाएंगी। इसके लिए 17 एक्स्ट्रा मेट्रो ट्रेनों को सर्विस में उतारा जा रहा है।
मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन और इंद्रलोक, कीर्ति नगर से मुंडका के बीच की ग्रीन लाइन को छोड़कर बाकी सभी लाइनों पर ये ट्रेनें चलेंगी। यानी ऑफ पीक और पीक आवर्स के दौरान कुल मिलाकर 104 एक्स्ट्रा ट्रिप्स लगाएंगी। इससे शाम के वक्त होने वाली भीड़ कम होने की उम्मीद है।
मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के सफर को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए डीएमआरसी लगातार अपनी पैसेंजर सर्विस को रिव्यू कर उसमें जरूरी सुधार करती है। उसी का नतीजा है कि 2010 से 2014 के बीच मेट्रो ट्रेनों में कोच की संख्या में करीब 70 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं, कोचों की संख्या 640 से बढ़कर 1076 हो गई। येलो और ब्लूलाइन पर जहां 4 कोच वाली सभी ट्रेनों को अब 6 और 8 कोच वाली ट्रेनों में कन्वर्ट कर दिया गया है।
वहीं, रेड लाइन पर भी 6 कोच वाली ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी गई है। मेट्रो में बढ़ती भीड़ की वजह से डीएमआरसी को यह कदम उठाने पड़े, क्योंकि अब मेट्रो में रोजाना यात्रा करने वाले लोगों की औसतन संख्या करीब 25 लाख हो गई है। पैसेंजर्स को और कौन-कौन सी सुविधाएं चाहिए। इसके लिए भी डीएमआरसी मेट्रो पैसेंजर्स के बीच सर्वे करवाती रही है।
साथ ही ट्रैफिक एनालिसिस और डिमांड को देखते हुए भी सुविधाओं में इजाफा किया गया है और ट्रेनों की संख्या, फ्रीक्वेंसी और कोच की संख्या बढ़ा गई। उसी के तहत डीएमआरसी ने एक बार फिर से पहल करते हुए ऑफ पीक आवर्स और शाम के पीक आवर्स में ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि लोगों का सफर ईजी हो जाए।