आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में से एक प्रशांत भूषण ने पार्टी को एक पत्र लिखा है जो लीक हो गया है। इस चिट्ठी में प्रशांत भूषण ने पार्टी में चल रही गड़बड़ियों की शिकायत की है।
यह पत्र प्रशांत ने 26 फरवरी को लिखा था। इस पत्र में लिखा है कि पार्टी ने कहा था कि हम अपने सभी अकाउंट जनता के लिए अपनी वेबसाइट पर लगाएंगे। लेकिन पार्टी को आरटीआई के अंदर लाना तो दूर की बात है हमने अपने खाते तक वेबसाइट पर नहीं डाले।
शांति भूषण ने पार्टी की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए इस पत्र में लिखा है कि हमने अपने डोनेशन की जानकारी तो वेबसाइट पर डाल दी है पर अपने खर्चों की जानकारी अब तक नहीं डाली है।
भूषण ने आगे लिखा है कि कमिटी ने अपनी रिपोर्ट 18 महीने पहले ही दे दी थी। लेकिन उन्हें हम आज तक लागू नहीं कर पाए हैं क्योंकि हम में से कुछ के पास समय समय नहीं था।
भूषण ने पार्टी के भविष्य पर अपना नजरिया साफ करते हुए लिखा है कि ‘आप’ जो एक राष्ट्रीय पार्टी होने का सपना रखती है उसके लिए यह जरूरी है कि पार्टी देश के महत्वपूर्ण नितिगत विषयों पर अपनी राय बनाए।
भूषण ने पार्टी के कार्यकलाप पर प्रश्न करते हुए कहते हैं कि हमने अपने निर्णय लेने के सिस्टम को अब तक इतना सुदृढ़ नहीं बनाया है कि वो ये निर्धारित कर सके कि पार्टी को मिले फंड को कैसे खर्च करना है।
पार्टी को व्यापक दृष्टिकोण देने के लिए यह जरूरी है कि हम ये सभी फैसले व्यवस्थित और लोकतंत्रीय प्रणाली के आधार पर करें।
प्रशांत ने ये भी लिखा है कि संविधान के अनुसार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पब्लिक अकाउंट्स कमिटी(पीएसी) की बैठक नियमित रूप से होनी चाहिए लेकिन पार्टी में ऐसा नहीं होता।
प्रशांत ने इस चिट्ठी में ये शिकायत भी की है कि पीएसी की जितनी बैठकें होती हैं उनमें कई सदस्यों को तो बुलाया भी नहीं जाता।