कोयला उद्योग की हड़ताल शुरू, बिजली उत्पादन पर असर
नई दिल्ली। मजदूर संगठनों ने आज पांच दिन की कोयला उद्योग हड़ताल शुरू की, जिसे उन्होंने 1977 के बाद किसी भी क्षेत्र में की गई अब तक की सबसे बड़ी औद्योगिक हड़ताल करार दिया है। ये संगठन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया के विनिवेश और पुनर्गठन के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं। ये मजदूर ऐसी किसी योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जिसे वे कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण खत्म करने की प्रक्रिया कहते हैं।
अखिल भारतीय कोयला मजदूर संघ के नेता जीवन राय ने एक बयान में कहा कि करीब सात लाख कामगार इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं और सरकार ने आज प्रमुख मजदूर संगठनों – बीएमएस, इंटक, एटक, सीटू और एचएमएस – के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई है ताकि इस मामले का समाधान ढूंढा जा सके।
हड़ताल से प्रतिदिन 15 लाख टन तक कोयला उत्पादन प्रभावित हो सकता है और इससे बिजली संयंत्रों को आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है जो पहले से ईंधन संकट से जूक्ष रहे हैं। कोल इंडिया के नवनियुक्त अध्यक्ष सुतीर्थ भट्टाचार्य ने कहा हमें उम्मीद है कि समस्या सौहार्द्रपूर्ण तरीके से सुलझा ली जाएगी। हड़ताल के असर का ठीक-ठीक पता बाद में चलेगा। अभी इसका अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा यह सही है कि उत्पादन अंतिम तिमाही में में जोर पकड़ता है क्योंकि वित्तवर्ष खत्म होने को होता है। मजदूर संगठनों का हड़ताल का आहवान दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने उनसे राष्ट्र हित में हड़ताल वापस लेने की अपील की है और अभी भी हम उन्हें हड़ताल से बचने के लिए राजी करने की कोशिश जारी है। मजदूर संगठनों ने इससे पहले दो बार सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया है।
भारतीय राष्ट्रीय खनन मजदूर संघ (आईएनएमएफ) के महासचिव एस क्यू जमा ने कहा देशभर के श्रमिक हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल आज सुबह छह बजे पहली पहली पाली में शुरू हुई। उन्होंने कहा कोल इंडिया (सीआईएल) के लगभग शत-प्रतिशत कामगार इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। सिर्फ मुट्ठी भर आपात सेवाएं ही काम कर रही रही हैं। जमा ने कहा कि एससीसीएल (सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड) के करीब 70-80 प्रतिशत श्रमिक भी हड़ताल पर हैं।
कोल इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल कोलकाता में सीआईएल के मुख्यालय के बाहर धरने पर हैं। यह हड़ताल ऐसे समय में हो रही है जब देशभर के बिजली संयंत्र ईंधन संकट से जूझ रहे हैं। कोल इंडिया लिमिटेड ने इससे पहले कहा था कि उसने बिजली संयंत्रों को पहले से आपूर्ति बढ़ा दी है, ताकि संभावित हड़ताल के कारण आपूर्ति में बाधा की दिक्कतों से उबरा जा सके।
एक अधिकारी ने कल कहा था कोल इंडिया लिमिटेड बिजली संयंत्रों को अतिरिक्त कोयले की आपूर्ति कर रही है और रेलवे सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम का इसमें पूरा सहयोग कर रही है। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है और उसके कर्मचारियों की संख्या करीब तीन लाख है। कोयला मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पिछले सप्ताह बुलाई गई बैठक का कोल इंडिया के प्रमुख मजदूर संगठनों ने बहिष्कार किया था। इस बीच बिजली क्षेत्र के कर्मचारी संगठन ईईएफआई ने भी हड़ताल को समर्थन दिया है।