लेह/नई दिल्ली। लद्दाख के चुमार क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारत की जमीन पर रविवार को सात और तंबू गाड़ने की घटना से सीमा पर गतिरोध और बढ़ गया है। चीन की सेना फिलहाल भारतीय सीमा से हटने का कोई संकेत नहीं दे रही है। 30-आर प्वाइंट पर लगभग सौ चीनी सैनिकों की मौजूदगी से विवाद गहरा गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लेह से 300 किलोमीटर दूर चुमार में शनिवार को चीनी सैनिक वाहनों से घुस आए और भारतीय सैनिकों द्वारा क्षेत्र से जाने की बार-बार चेतावनी देने के बावजूद तंबू लगाना शुरू कर दिया। चुमार के हिलॉक में पहले से ही चीन के 35 सैनिक जमे हुए हैं। चीन के सैनिक खुद के पीछे हटने के साथ ही भारतीय सैनिकों की वापसी की भी मांग कर रहे हैं। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने पीछे हटने से इन्कार कर दिया है। हालांकि, गुरुवार की रात चीन की सेना अपनी सीमा में लौट गई थी।
इस बीच, चीनी हेलीकॉप्टरों को गुरुवार को अपने सैनिकों के लिए खाने का पैकेट गिराते देखा गया, लेकिन इस दौरान भारतीय वायु सीमा का एक बार भी अतिक्रमण नहीं हुआ। बाद में चीनी सैनिक पैकेट उठाकर अपने तंबुओं में ले गए। रविवार को चीन के मजदूर भारतीय क्षेत्र में घुस आए। उन लोगों ने दावा किया कि उन्हें टाइबल तक सड़क बनाने का आदेश दिया गया है। टाइबल भारतीय क्षेत्र के पांच किलोमीटर अंदर स्थित है। भारतीय सैनिकों ने चीन के मजदूरों को यह कहते हुए वापस चले जाने को कहा कि ऐसा न करने से उनके खिलाफ भारतीय कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
चुमार हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ लद्दाख का आखिरी गांव है। चीन द्वारा इस पर दावा किए जाने के चलते पिछले कुछ साल से यह दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बना हुआ है। 30-आर प्वाइंट भारत के लिए सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। चीन के सैनिक अक्सर इस हिस्से में घुसपैठ करते रहते हैं, क्योंकि भारत ने यहां एक निगरानी पोस्ट बना रखा है। भारतीय सैनिक इस प्वाइंट से चीन अधिकृत क्षेत्र में दूर तक निगरानी रखते हैं।