दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे तूफान खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास अगर दिल्ली में सरकार बनाने लायक नंबर हैं तो उसे बना लेनी चाहिए। शीला दीक्षित के इस बयान पर कांग्रेस में खलबली मचा दी है। कांग्रेस ने शीला के इस बयान से न केवल खुद को अलग किया है, बल्कि कई नेताओं ने शीला के खिलाफ आवाज भी बुलंद कर दी है। कांग्रेस के एक पूर्व विधायक भीष्म शर्मा ने तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख शीला दीक्षित को पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।
कांग्रेस के सीनियर नेता अजय माकन ने ट्वीट कर कहा है कि यह शीला दीक्षित की निजी राय है। आम आदमी पार्टी ने भी शीला के इस बयान की आलोचना की है, जबकि बीजेपी ने इसका स्वागत किया है। हाल ही में केरल के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे चुकीं शीला दीक्षित ने संकेत दिए थे कि वह एक बार फिर राजनीति में सक्रिय होंगी। जब उनसे दिल्ली में बीजेपी द्वारा सरकार बनाने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘सरकार होना लोकतंत्र के लिए जरूरी है। अच्छा होगा अगर दिल्ली में सरकार बने। अगर बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर हैं, तो उसे सरकार बना लेनी चाहिए।’
शीला के इस बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने कहा कि उन्हें शीला जैसी कद्दावर नेता के इस बयान से धक्का लगा है। उन्होंने कहा, ‘यह उनकी निजी राय हो सकती है, पार्टी कभी नहीं चाहेगी कि बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टी दिल्ली में सरकार बनाए।’ हारुन यूसुफ ने भी कहा कि पार्टी चाहती है कि दिल्ली में दोबारा चुनाव हों।