देवरिया/लखनऊ। प्रतापगढ़ के कुंडा में मारे गए डीएसपी जिया उल हक मामले में अखिलेश सरकार में मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। राजा भैया के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। राजा भैया के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (मर्डर) के अलावा 6 अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। राजा भैया के खिलाफ यह एफआईआर जिया उल हक की बेवा परवीन की शिकायत के आधार पर की गई है। अब सीबीआई शुरुआती साक्ष्य जुटाएगी, इसके बाद राजा भैया की गिरफ्तारी भी हो सकती है। सीबीआई के अफसर राजा भैया से शुक्रवार को पूछताछ करेंगे।
सीबीआई ने कुंडा हिंसा मामले में जांच तेज कर दी है। इस सिलसिले में चार एफआईआर दर्ज की गई है। पहली एफआईआर डीएसपी जिया उल हक की मौत, दूसरी ग्राम प्रधान नन्हें यादव की मौत, तीसरी ग्राम प्रधान के भाई की मौत और चौथा भीड़ की हिंसा से संबंधित है। इनमें से एक एफआईआर में राजा भैया का भी नाम है। सीबीआई की टीम कुंडा के बलिपुर गांव पहुंच गई है, जहां जिया उल हक की गोली लगने से मौत हो गई थी। अब सीबीआई यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार दो लोगों को अपनी कस्टडी में करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। जल्द ही सीबीआई की फॉरेंसिक टीम कुंडा जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो सीबीआई जिया उल हक की लाश का दोबारा पोस्टमार्टम करने के आदेश भी दे सकती है।
इससे पहले, डीएसपी की बेवा परवीन आजाद ने सरकार के सामने दो नई मांगें रखीं। उन्होंने अपने पति को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार दिए जाने और गांव का नाम जियाउल हक नगर रखने की मांग की है। सरकार नेडीएसपी जियाउल हक के परिवार के पांच सदस्यों को नौकरी देने का आश्वासन दिया है, लेकिन शहीद डीएसपी की पत्नी परवीन ने बुधवार को आठ लोगों की सूची प्रशसान को सौंपी है। इस सूची में उनके मायके के लोगों का नाम भी है। अब इसी बात को लेकर हक के घर में कलह शुरू हो गई है। डीएसपी के भाई सोहराब अली का कहना है कि नौकरी की लिस्ट में परिवार के लोगों को वरीयता मिलनी चाहिए, लेकिन भाभी (परवीन) ने अपनी बहन और चचेरे भाई को वरीयता दी है। सोहराब का यह भी कहना है कि इतिहास गवाह है कि मुगल शासन से अब तक विरासत का लाभ परिवार के सदस्यों को दिया जाता है। भाभी द्वारा मायके के लोगों व रिश्तेदारों का नाम सूची में दिए जाने पर जिया उल हक के परिवार वालों को आपत्ति है।
सोहराब अली ने बताया कि भाभी को वरीयता मिलनी चाहिए, लेकिन उनके बाद मेरे परिवार के सदस्यों को महत्व दिया जाना चाहिए। भाभी ने जो सूची सौंपी है, उसमें अपनी बहन व रिश्तेदारों को वरीयता दी है। चचेरे भाई का नाम सूची में सबसे नीचे है।
परवीन की बनाई सूची परवीन ने नौकरी के लिए जो वरीयता सूची प्रशासन को दी है, उनमें खुद के अलावा देवर सोहराब अली, अपनी छोटी बहन बीटेक की छात्रा फरहीन आजाद, ननद के पति मुजीबुर्रहमान व बहन के पति इस्माइल अहमद, ननद कनीज फातिमा व राजिया खातून और चचेरे देवर रुस्तम अली का नाम शामिल किया है।