कांठ में टकराव के आसार, फोर्स तैनात

kanth-bawal-53b84c4916b04_exlstछब्बीस जुलाई को भाजपा के कांठ कूच को लेकर टकराव की स्थिति बनती जा रही है। प्रशासन ने जहां त्योहारों का हवाला देते हुए किसी भी सियासी कार्यक्रम की अनुमति देने से साफ इंकार कर दिया है वहीं भाजपा नेता एसएसपी के खिलाफ तहरीर देने के लिए कांठ थाने तक जाने पर अड़े हैं। कांग्रेस ने भी शांति मार्च निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ऐलान किया था कि छब्बीस जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी सांसद, विधायक और पार्टी के सभी बड़े नेता कांठ जाएंगे और एसएसपी धर्मवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर देंगे। हालांकि अभी तक भाजपा की तरफ से इस संबंध में प्रशासन को न तो कोई पत्र दिया गया है और न ही लिखित में कोई जानकारी। मगर फिर भी प्रशासन चौकस है।

एसडीएम कांठ ने बताया कि वर्तमान समय में तहसील कांठ में धारा 144 लगी हुई है। यह धारा 4 अगस्त तक लागू रहेगी। लिहाजा इस बीच कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का जुलूस, प्रदर्शन, मीटिंग या जनसभा बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के नहीं कर सकता। अगर ऐसा होता है तो धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।वहीं बुधवार को हुई मीटिंग में जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने साफ कर दिया था कि कांठ में किसी भी सियासी आयोजन को अनुमति नहीं दी जाएगी। कुल मिलाकर छब्बीस जुलाई को टकराव की स्थिति बन सकती है।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने साफ कर दिया है कि पार्टी के सांसद और नेता हर हाल में कांठ जाएंगे। वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डा. एपी सिंह का कहना है कि शांति मार्च के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। हमारा मकसद शांति व्यवस्था बहाल कराना है। अगर प्रशासन रोकेगा तो वह लोग नहीं जाएंगे।

जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने शांति मार्च की अनुमति मांगी थी लेकिन इंकार कर दिया गया है। भाजपा की ओर से कोई अनुमति नहीं मांगी गई है। अगर अनुमति मांगी भी गई तो नहीं दी जाएगी।कांठ मामले में शुरू से बयानों की लड़ाई लड़ रही भाजपा एक और फजीहत की ओर कदम बढ़ा चुकी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने 26 जुलाई को पश्चिमी यूपी के सभी सांसदों, विधायकों और नेताओं के कांठ कूच का ऐलान किया है। लेकिन भाजपा के ज्यादातर सांसदों का कहना है कि उन्हें अभी तक पार्टी की ओर से ऐसा कोई निर्देश मिला ही नहीं है कि उन्हें कांठ जाना है। एकाध को छोड़ मंडल के सभी भाजपा सांसद यही दावा कर रहे हैं कि पार्टी ने उन्हें अभी तक कांठ कूच का फरमान नहीं सुनाया है।

अकबरपुर चैदरी के मंदिर से उतरे लाउडस्पीकर को मुद्दा बनाते हुए भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने चार जुलाई को कांठ में महापंचायत का ऐलान किया था। ये महापंचायत कांठ को जला गई तो तपिश भाजपा के साठ कार्यकर्ताओं तक भी पहुंची जो अभी तक जेल में बंद हैं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एसएसपी मुरादाबाद को टारगेट करते हुए 15 जुलाई से मुरादाबाद कमिश्नरी पर जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की जो शुरू ही नहीं हो सका। अब 26 जुलाई की बारी है। डा. वाजपेयी इस ऐलान पर कायम हैं।

उनका कहना है कि प्रशासन चाहे जो कर ले भाजपा के पश्चिमी यूपी के सभी सांसद, विधायक और पदाधिकारी कांठ जाएंगे और एसएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। लेकिन जब हमने इस मुद्दे पर भाजपा के सांसदों से बात की तो हर किसी का कहना था कि उन्हें तो कांठ जाने के लिए पार्टी ने अभी कहा ही नहीं है। बजट सत्र में व्यस्त होने का वास्ता देकर भाजपा के कमोबेश सभी सांसद कांठ कूच से किनारा कर रहे हैं। कई का तर्क है कि संसदीय कार्य मंत्री ने संसद छोड़ने से मना किया है। भाजपा के स्थानीय नेता तो इस मुद्दे पर बयान तक देने से कतरा रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व ने ऐलान किया है वही जाने कैसे क्या करना है।कांठ प्रकरण अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा 26 जुलाई को आंदोलन की घोषणा कर चुकी है तो कांग्रेस शांति मार्च निकालने जा रही है। जिला और पुलिस प्रशासन अपनी तैयारी में जुटा हुआ है, वहीं रेलवे भी पिछली बार के अनुभव को देखते हुए पहले से ही सावधान हो गया है। ट्रेनों पर कब्जा जमाने की घटना को देखते हुए आरपीएफ और जीआरपी को कांठ स्टेशन सही सलामत गुजारने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

आरपीएफ और जीआरपी ने मिलकर प्लान बनाया है। इसके लिए मुरादाबाद से कांठ होकर गुजरने वाली गाड़ियां जीआरपी और आरपीएफ की निगहबानी में गुजरेंगी। 26 जुलाई को ट्रेनों में स्क्वाड में जवानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्क्वाड छोटी दूरी के लिए तैनात किया जाएगा। पैसेंजर ट्रेनों में मतलबपुर से मेवानवादा तक जाएंगे। वहीं मेल और सुपर फास्ट गाड़ियों में मुरादाबाद से अगले स्टापेज तक फोर्स रहेगी।

एडीआरएम हितेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि प्रशासन ने कांठ स्टेशन पर पुलिस तैनाती का आश्वासन दिया है। इसके बावजूद रेलवे अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रहा है। जिससे पिछले बार की तरह घटना न हो। आउटर में कोई ट्रेन नहीं रोकी जाएगी। सभी ट्रेनों में छह से दस तक आरपीएफ का स्क्वाड रहेगा। वहीं एसपी जीआरपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि आरपीएफ के साथ ही जीआरपी का एस्कार्ट भी चलेगा। जिसमें छह से दस तक जवान रहेंगे।