43 दिनों से चल रहा किसानों के आंदोलन का तंबू मंगलवार शाम पुलिस ने उतार दिया और 33 किसानो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जिसके बाद किसानों ने पुलिस लाइन पर विरोध करने की कोशिश की जहां पर उन पर लाठीचार्ज का वीडियो वायरल हो गया पुलिस के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल किसान आंदोलन समाप्त होता प्रतीत हो रहा है । पुलिस की कार्यवाही के बाद विपक्ष के नेताओं ने इसको गलत बताया है राजकुमार भाटी ने इस पर अपनी तीव्र प्रतिक्रिया दी है साथ ही किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी, बृजपाल वीर सिंह नागर, यूनियन अंबबाताके कृष्ण ब्रजेश, किसान परिषद के सुखबीर खलीफा किसानों के समर्थन में आ गए हैं
4 घंटे तक चला डेरा डालो घेरा डालो
पुलिस कार्यवाही से पहले किसानों ने 6 फ़ीसदी आबादी के प्लॉट समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को घेरा डालो डेरा डालो का आह्वान किया था जिसके बाद बड़ी संख्या में किसानों ने महिलाओं ने वहां पहुंचकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के गेट नंबर 2 के बाद गेट नंबर 1 को भी घेर लिया और जाम कर दिया । 4 घंटे तक जमे रहने के बाद किसानों ने इस कार्यक्रम को समाप्त कर दिया।
इससे पहले दोनों गेटों पर हजारों की संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही ।जो भी लोग प्राधिकरण में अंदर थे वह अंदर ही रहे और जो बाहर थे वह बाहर ही रह गए प्रशासन ने किसानों को रोकने अथवा गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं हुई।
किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण सीईओ बेहद कमजोर अधिकारी है किसान विरोधी है किसानों की समस्याओं का हल नहीं करना चाहती जबकि 50 गांवों के हजारों किसान धरना दे रहे हैं लोकतंत्र में इस तरह की संवेदनहीनता ना काबिले बर्दाश्त है लोक सेवक को लोक सेवक की तरह व्यवहार करना चाहिए और किसानों की वाजिब समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए अबकी बार किसान किसी आश्वासन अथवा लिखित आश्वासन के लिए नहीं आया बल्कि ठोस नतीजे प्राप्त करने आए हैं और किसानों ने पूरे 1 साल का मन बना कर आंदोलन की शुरुआत की है यहां पर पक्का मोर्चा लगा दिया है मोर्चा जब तक चलेगा जब तक कि किसानों की समस्याएं हल नहीं होती डेरा डालो घेरा डालो के तहत सैकड़ों किसान प्राधिकरण पर ही घर बनाकर आज से रहना शुरू करेंगे
किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा किसान विरोधी प्राधिकरण अधिकारियों को या तो किसानों की समस्याएं हल करनी होंगी या यहां से जाना पड़ेगा उपाध्यक्ष सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि यदि प्राधिकरण ने किसानों की समस्याएं हल नहीं की तो यह आंदोलन सत्ताधारी पार्टी को आने वाले चुनाव में भारी पड़ सकता है 50 गांव के किसान आक्रोशित हैं और बिना समस्याओं को हल कराए बिना घर जाने वाले नहीं हैं।
संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि हम सभी विपक्षी पार्टियों पूर्व चेयरमैन गजराज सिंह सपा के जिला अध्यक्ष सुधीर पूर्व अध्यक्ष इंद्र प्रधान किसान यूनियन अंबावता के नेता कृष्ण बृजेश किसान परिषद के नेता सुखबीर खलीफा और कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रहे जय जवान जय किसान संगठन के नेता सुनील फौजी समर्थन में सहयोग में शामिल रहे आंदोलन का हिस्सा रहे गवरी मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने पूर्वजों की जमीन पर कोई हमला नहीं होने देंगे
वक्ताओं ने बिगाड़ा खेल, बाबा को दिया चैलेंज पड़ा भारी
इस कार्यक्रम के पतन का आरंभ कल किसानों के डेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम में मौजूद राजनीतिक दलों के वक्ताओं के वक्तव्य के साथ आरंभ हो गया था समाजवादी पार्टी के सुधीर भाटी ने कार्यक्रम में खड़े होकर किसानों के साथ आने की बात की और उन्हें बताया कि अखिलेश यादव प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट उनसे ले रहे हैं
वही एक अन्य किसान नेता ने प्राधिकरण पर आरोप लगाते लगाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चैलेंज करते हुए कह दिया उनको भी किसानों की बात सुनने यहां आना पड़ेगा ।
इसके बाद एक अन्य राजनीतिक दल के नेता ने 9 तारीख को आर पार की लड़ाई की बातें की जिस समय यह सब बातें हो रही थी उस समय पुलिस और प्रशासन के लोग बंद गाड़ियों में इसका निरीक्षण कर रहे थे लगभग 1 घंटे के बाद भीड़ कम होने के बाद पुलिस ने वहां मौजूद किसानों को हटाना शुरू कर दिया उनका तंबू और सामान हटा दिया इसके साथ ही 33 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
पुलिस लाइन पर लाठी चार्ज पर डीसीपी राम बदन सिंह ने किया इंकार
वही डीसीपी राम बदन सिंह ने लाठीचार्ज के अफवाहों और समाचारों पर इंकार किया है उन्होंने वायरल होते वीडियो में के लिए यह बताया कि वहां लाठीचार्ज नहीं किया गया बल्कि पुलिस के लोगों को हटाने के दौरान धक्का-मुक्की जैसी बातें हुई हैं