लोकसभा की बैठक मंगलवार को शुरू होने के कुछ देर बाद ही स्थगित हो गई.
सदन में उत्तर प्रदेश में एक डीएसपी के मारे जाने की घटना, श्रीलंका में तमिलों की स्थिति और पंजाब में कथित रूप से पुलिस की ज्यादती के खिलाफ तमाम सदस्यों ने हंगामा किया.
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने विशेष कक्ष में मौजूद मकदूनिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया.
लेकिन प्रश्नकाल शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के सदस्य उत्तर प्रदेश में एक पुलिस उपाधीक्षक की हत्या के मुद्दे तथा अन्नाद्रमुक और द्रमुक सदस्य श्रीलंका में तमिलों की स्थिति को लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक डीएसपी की मौत के मामले में कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या का नाम सामने आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इसी मुद्दे पर बसपा और सपा ने सदन में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए.
उधर कांग्रेस सदस्य पंजाब में पुलिस द्वारा कथित रूप से एक बाप बेटी को पीटे जाने का मुद्दा उठाते हुए आसन के सामने आ गए.
द्रमुक के नेता टी आर बालू समेत पार्टी के सभी सदस्य काले कपड़े पहने हुए थे.
अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा और स्थिति शांत न होते देख उन्होंने बैठक कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
राज्य सभा भी स्थगित
उप्र में एक पुलिस अधिकारी की हत्या, महाराष्ट्र के सतारा जिले में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा छात्रों के अभिभावकों को कथित तौर पर पीटे जाने और पेट्रोलियम के दामों में वृद्धि जैसे अलग अलग मुद्दों को ले कर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित.
सदन की बैठक शुरू होते ही बसपा सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में एक पुलिस अधिकारी की हत्या का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की.
सभापति हामिद अंसारी ने उनसे शांत रहने की अपील की और कहा कि वह कोई जरूरी बात कहना चाहते हैं लेकिन बसपा सदस्यों ने उनकी बात नहीं सुनी.