राहुल गांधी नहीं होंगे PM पद के उम्मीदवार
कई दिनों के सस्पेंस को खत्म करते हुए कांग्रेस ने आखिरकार ऐलान कर दिया है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।
बेशक राहुल को पार्टी ने पीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया हो मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनाव अभियान की अगुवाई राहुल ही करेंगे।
चुनाव में कांग्रेस का चेहरा बनाकर पार्टी ने स्पष्ट करने की कोशिश है कि अगर भविष्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रधानमंत्री राहुल गांधी ही होंगे।
कार्यसमिति की बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग की। मगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं को बीच में रोककर टोका कि पार्टी में प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की परंपरा नहीं रही है।
किसी (भाजपा) ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है तो जरूरी नहीं कि हम भी यह घोषणा करेंगे। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस में हमेशा पता होता है कि उसका नेता कौन होता है।
फिर सोनिया ने ऐलान किया कि चुनाव अभियान राहुल गांधी के नेतृत्व में होगा। सोनिया के कहने के बाद एकाएक कार्यसमिति में इस बात पर सहमति हो गई और फिर किसी ने पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
इस फैसले के साथ ही कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी की सीधी सियासी भिड़त को टालने की कोशिश की है। राहुल को चुनाव अभियान समिति की अगुवाई को लेकर कार्यसमिति में प्रस्ताव पर सहमति बनी।
इसमें कहा गया है कि कार्यसमिति ऐलान करती है कि 2014 का चुनाव अभियान राहुल के नेतृत्व में संपन्न होगा। ये प्रस्ताव शुक्रवार को एआईसीसी की बैठक में पारित होगा।
कार्यसमिति की बैठक में राहुल ने कहा कि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्त्ता हैं। पार्टी भविष्य में जो भी करने को कहेगी। वह उसके लिए तैयार है।
मगर सोनिया ने एक तरह से उनकी भूमिका तय कर दी कि वह आधिकारिक तौर पर चुनाव अभियान की अगुवाई करेंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट है कि वे अघोषित रूप से पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कार्यसमिति की बैठक के बाद कहा कि कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद दूसरे किसी नेता का स्थान है तो वह राहुल गांधी का है। वह पार्टी के भविष्य के नेता है।
इसे लेकर किसी को भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पांच साल प्रधानमंत्री रहे तो पार्टी ने कहा था कि वह अगली बार प्रधानमंत्री रहेंगे।
जब उनसे पूछा गया कि विपक्ष कह रहा है कि राहुल संभावित हार को देखकर जिम्मेदारी लेने से भाग रहे हैं। तो उनका जवाब था कि कभी भी पार्टी में भ्रम नहीं रहा है कि उसका नेता कौन होगा।
पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के समय यह सवाल नहीं था। यहां तक कि 1977 में आपातकाल के समय भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की जरूरत नहीं पड़ी थी।
सबको पता था कि इंदिरा गांधी ही प्रधानमंत्री होंगी। इन उदाहरणों को देकर पार्टी ने बार बार कहने की कोशिश की है कि अगर भविष्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो राहुल गांधी ही उसके प्रधानमंत्री उम्मीदवार होंगे।