चेन्नई- तमाम विरोध के बावजूद रूस के सहयोग से कुडानकुलम परमाणु संयंत्र में निर्मित दो इकाइयों में पहली इकाई से बिजली उत्पादन सोमवार देर रात पौने तीन बजे से शुरू हो गया। एक हजार मेगावाट क्षमता वाली इस इकाई से शुरुआत में 75 और बाद में 160 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ। संयंत्र से बिजली उत्पादन ऐसे समय शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दो दिवसीय सरकारी यात्र पर रूस में मौजूद थे।
कुडानकुलम संयंत्र के निदेशक (साइट) आरएस सुंदर ने बताया कि सोमवार देर रात 2.45 बजे पहली इकाई को पावर ग्रिड से सफलतापूर्वक जोड़ दिया गया। तकरीबन दो घंटे तक 160 मेगावाट बिजली उत्पादन के बाद इकाई को बंद कर दिया गया। सुंदर के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में इस इकाई से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा।
भारतीय परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) ने 400 मेगावाट से ज्यादा उत्पादन को भी मंजूरी दे दी है। पहली इकाई में गत जुलाई महीने से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से कुडानकुलम परमाणु संयंत्र में बनी दो इकाइयां सुरक्षा मुद्दों को लेकर काफी विवादों में रही। परमाणु ऊर्जा जवाबदेही कानून के कुछ प्रावधानों पर रूस ने आपत्ति जताई थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने मॉस्को यात्र के दौरान सोमवार को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को सभी मुद्दों को सुलझाने का भरोसा दिलाया है। भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र पर कई देशों की निगाहें टिकी हैं, इसमें फ्रांस रूस का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है।