नई दिल्ली।। लगता है कि सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश को लेकर जारी बवाल का असर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के संबंधों पर भी पड़ रहा है। इसकी झलक आज राजघाट पर भी नजर आई। बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी एक-दूसरे दूर ही रहे।
अमूमन ऐसे मौकों पर सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह अगल-बगल बैठते हैं। आज दोनों लगभग एक ही समय राजघाट पहुंचे, लेकिन उनमें कोई बात नहीं हुई। सिर्फ एक-दूसरे का अभिवादन ही किया। सोनिया बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास बैठी रहीं। कांग्रेस अध्यक्ष थोड़ी देर बैठने के बाद ही राजघाट से बाहर निकल गईं और संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ उन्हें बाहर तक छोड़ने के लिए गए। आश्चर्य की बात है कि विदा होने के वक्त भी सोनिया और पीएम में न तो कोई बात हुई और न ही दोनों ने एक-दूसरे का अभिवादन किया।
उधर, राहुल गांधी भी राजघाट नहीं पहुंचे, जिससे तनाव के कयासों को और बल मिल गया। गौरतलब है कि अध्यादेश को लेकर राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी का इजहार किया था और इसके बाद कल सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राहुल के बयान से खुश नहीं हैं।