
आईबा की ओर से प्रतिबंधित किए जाने के बाद बॉक्सर एल सरिता देवी ने दाखिल किए गए जवाब में इंचियोन एशियाई खेलों के पदक समारोह के दौरान घटे घटनाक्रम के लिए एक बार फिर माफी मांगी है।
उन्होंने अपने को 2001 की पहली वर्ल्ड चैंपियनशिप में खेलने वाली दुनिया की ऐसी अगुआ बॉक्सर बताकर गुहार लगाई कि इस तरह की घटना निकट भविष्य में फिर नहीं दोहराई जाएगी।
वहीं, सरिता के अलावा चीफ कोच जीएस संधू, एशियाई खेलों के चेफ डि मिशन आदिल सुमारीवाला, बीआई फर्नांडीज ने भी अपने जवाब बॉक्सिंग इंडिया को दाखिल कर दिए। इन सभी के जवाबों की खेल मंत्रालय की ओर से बॉक्सिंग इंडिया व आईओए के पदाधिकारियों के समक्ष समीक्षा की गई। मंत्रालय ने बॉक्सिंग इंडिया से इन जवाबों को आईबा को भेजने को कहा है।
खेल सचिव एएम शरण ने आश्वासन दिलाया है कि सरकार की ओर से सरिता व अन्य सभी की इस मामले पर पूरी मदद की जाएगी, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इस मामले में मंत्रालय या फिर आईओए सीधे तौर पर कुछ नहीं कर सकते हैं। जो भी करना है बॉक्सिंग इंडिया (बीआई) ही कर सकती है। बीआई के अध्यक्ष संदीप जाजोडिया ने भी कहा है कि वह आईबा से विनती करेंगे कि किसी पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया जाए। सरिता ने अपने खेल जीवन में पहले ऐसी हरकत कभी नहीं की है, जो भी हुआ है भावनात्मक रूप से हुआ।
मुक्केबाज सरिता देवी ने जवाब में अपने पति थोयबा सिंह और कोच जीएस संधू, बीआई फर्नांडीज का भी बचाव किया है। सरिता ने लिखा है कि उनके पति यह नहीं जानते थे कि स्टेडियम में आईबा के टेक्निकल डेलीगेट भी मौजूद हैं। वह समझ रहे थे सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं।
उन्होंने यह भी सफाई दी कि वह भावनात्मक रूप से इतना टूट गई थीं कि उन्हें पता ही नहीं लगा कि आयोजन समिति के सदस्य उन्हें पदक देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सफाई दी कि यह पहले तय किया हुआ नहीं था। सब भावना में बह जाने के चलते घटित हुआ, उन्होंने किसी के भी इशारे से ऐसा नहीं किया, जिसके लिए वह फिर माफी मांगती हैं।
वह क्यूबाई कोच बीआई फर्नांडीज की ओर से दिए गए बयान के बारे में भी अनभिज्ञ हैं।