आप लग जाते हैं मोदी सरकार का मज़ाक बनाने मे। कल आप खुद ही एक मज़ाक होंगे -Sharad Shrivastav
जब सभी लोग मोदी सरकार की आलोचना या प्रशंसा घर वापसी, पीके, प्राचीन वेदिक विज्ञान के आधार पर कर रहे थे। मैं ये देख रहा था की नयी सरकार अपना खजाना भरने मे लगी है।
डीजल पेट्रोल के अंतर्राष्ट्रीय दामों मे भारी कमी के बावजूद, सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाकर दाम कम नहीं होने दिये। इस बढ़ी ड्यूटी से सरकार निश्चित तौर पर दसियों हज़ार करोड़ रुपए कुछ महीनो मे कमा लेगी। सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बेहद अहम जरूरतों मे भी भारी कटौती करके अच्छी ख़ासी रकम बचाई है। नयी सरकार ने आने के बाद से कोई भी नयी योजना शुरू नहीं की है जिसमे पैसा लगता हो। मनरेगा मे भी खर्च करना बहुत कम किया जा चुका है। रेलवे किराये बढ़ाकर अलग पैसा कमाया जा रहा है।
सवाल ये है की इस पैसे का क्या किया जाएगा। मेरा अनुमान है की सरकार 4% के बजट घाटे को इस पैसे से खतम कर लेगी और इस पैसे से बजट मे कुछ नयी योजनाओ का ऐलान किया जा सकता है। प्लानिंग कमीशन खतम हो चुका है। नया नीति आयोग असितत्व मे आ चुका है। भूमि अधिग्रहण जैसे विधेयक आ चुके हैं। सरकार कई मोर्चो पर तैयारी कर रही है और आगामी बजट चौंका सकता है।
लेकिन यही नयी योजनाएँ इस सरकार के असली चेहरे को भी सामने लाएंगी। यदि इन योजनाओं से जनता का भला होता है। जन कल्याणकारी योजनाए चलायी जाती हैं जो समस्त समाज के लिए हितकारी हों तो ये वाकई अच्छी सरकार साबित होगी। लेकिन नयी योजनाएँ ऐसी आती हैं जैसे स्मार्ट सिटी जिनमे जमीन हथिया कर बड़े बिजनेस हाउस को नए शहर बनाकर बेतहाशा पैसा कमाने का मौका दिया जाएगा, या और ऐसी ही योजनाए आती हैं जो इन उद्योग पतियों को पैसा कमाने की खुली छूट देंगी तो साफ होगा की चुनाव प्रचार मे जो पैसा लगा है उसकी भरपाई कैसे होने जा रही है।
ये बजट बहुत कुछ बताएगा। इस सरकार के असली एजेंडे को स्पष्ट करेगा। मैं नहीं समझता की मोदी सरकार किसी हिन्दुत्व के एजेंडे पर काम कर रही है। ये सारा प्रलाप असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए है। और तमाम मित्र मोदी जी को मूर्ख समझ कर उन पर वेदिक विज्ञान के बहाने उनका उपहास करने मे लगे हैं। असलियत यही है की ये लोग आप पर हंस रहे हैं। समय समय पर आपके लिए ऐसा कोई मौका दे दिया जाता है और आप लग जाते हैं मोदी सरकार का मज़ाक बनाने मे। कल आप खुद ही एक मज़ाक होंगे