मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर तमाम भाजपा नेता, अभिनेता और भाजपा समर्थक उसकी खुशियां मना रहे हैं । श्री राम मंदिर निर्माण धारा 370 तीन तलाक और अब यूसीसी कानून के लागू होने की खुशी में भाजपा की तारीफ कर रहे हैं भाजपा के नेता लगातार पिछले 1 महीने जनसंपर्क अभियान करके लोगों को यह समझा रहे थे कि मोदी सरकार में लोगों को कितना फायदा हुआ लेकिन क्या सच में इज ऑफ डूइंग जैसी चीजें इस सरकार में बदली है या फिर जो मनमोहन सरकार में सुविधा मिल रही थी वह अब आकर बदतर हो गई है ।
2004- 14 के मुकाबले 2023 में हाल है बदतर
हम बात कर रहे हैं लोगों के घर खाना बनाने के लिए प्रयोग होने वाली गैस का। 2014 में मोदी सरकार आने के बाद उज्जवला के नाम से ही सरकार ने जोर-शोर के साथ गैस के सिलेंडर को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया किंतु इस पूरे खेल में यह बात छुपा के ले गए कि आज औसतन गैस के बुकिंग के बाद डिलीवरी का टाइम 7 दिन है और अगर यह डिलीवरी टाइम 7 दिन गौतम बुध नगर जैसे शहर में हो तो आप समझ सकते हैं कि मोदी सरकार की नीतियों में और वर्तमान जमीनी हकीकत में कितना अंतर है ।
लोगों ने शिकायत की है 2014 के बाद गैस की डिस्ट्रीब्यूटरशिप को थोक के भाव बांटा गया किंतु इन सभी डिस्ट्रीब्यूटरशिप का ऑर्डर और इनके कार्यप्रणाली को लेकर फीडबैक लेना सरकारों ने छोड़ दिया है लोगों का कहना है कि अधिकांश गैस के डिस्ट्रीब्यूटर से भाजपा नेताओं के समर्थकों और उनके संगठन से जुड़े नेताओं की है । ऐसे में आम जनता के पास इन एजेंसियों से किसी भी प्रकार की प्रोफेशनल उम्मीद रखना बेमानी है 2004 में मनमोहन सिंह सरकार आने के बाद 24 घंटे में गैस को आपके घर पहुंचाने का दावा शुरू किया गया और उसको सच साबित किया गया किंतु 2014 के बाद लगातार यह दावा हवा होता गया और अब यह 7 दिन तक पहुंच गया है यह दावा आपको 1990 के उस लाइसेंसी राज की याद दिलाता है जिसमें सिलेंडर के लिए लंबी-लंबी लाइने लगती थी अब इन लाइनों का वजूद मोबाइल एप पर वेटिंग के रूप में रह गया है ।
एनसीआर खबर ने इस प्रकरण को लेकर कई जगह बात करने की कोशिश की, किंतु कोई संतोषजनक आंसर नहीं मिला ।
एनसीआर खबर ऐसी ही सभी जमीनी समस्याओं को लेकर एक पूरी सीरीज शुरू करने जा रहा है जिसमें यह सरकार दावा कुछ और कर रही है जबकि सच्चाई उसके उलट है अगर आपके पास ऐसी कोई समस्या है और उसकी जानकारी है तो हमें 96545 31723 पर जरूर भेजें