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आंखों देखी : हाय बिल्डर, उफ्फ बिल्डर, बारिश तो बहाना है लोगो को समस्याओ के साथ ही रहना है

सप्ताह का मेरा आरंभ इस बार बिल्डर और उनके कारनामों से हुआ है । तो आरंभ आज की बारिश के कारण तालाब बने बिल्डरों के बनाए सोसायटी और मार्केट से करते हैं । मंगलवार को 1 घंटे की बारिश के बाद मैं शहर घूमने निकला तो आइकन लेजर वैली मार्केट के आगे जबरदस्त पानी भरा हुआ था । मार्केट में पानी की निकासी का कोई सिस्टम या तो बनाया नही गया है या फिर वो काम नहीं कर रहा था । खैर जब सिस्टम नहीं बना तो जुगाड़ काम आया और बिल्डर ने आनन-फानन में पंपसेट मंगाकर मार्केट में जमा पानी को बाहर बने नाले में निकलवाना शुरू कर दिया ।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट पूर्ववर्ती सरकारों की शह पर पर बिल्डरों द्वारा सताए हुए लोगों का शहर है । यहां प्रोजेक्ट में फ्लैट/ शॉप या ऑफिस मिलने से पहले और बाद लोगों के दुख खत्म नहीं होते है

उसके बाद सुपरटेक इकोविलेज 1 से सूचना आई कि वहां 1 घंटे की बारिश में सोसाइटी में सड़क की जगह तालाब दिखाई दे रहा है लोगों ने बताया कि इस सोसाइटी में यह आम बात है बिल्डर ने पानी की निकासी को लेकर कोई काम नहीं किया है जिसके कारण थोड़ी सी बारिश होते ही जलभराव दिखाई देना रखता है । घुटनों तक भरे पानी के कारण लोग परेशान हैं और बिल्डर पर आप आरोप लगा रहे थे कि ड्रेनेज सिस्टम सही ना होने के कारण पानी निकलने में परेशानी हो रही है। खैर सुपरटेक इको विलेज एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसके लोगों की समस्याएं अंतहीन है उसके डायरेक्टर फिलहाल जेल में हैं । ऐसे में बारिश से जलभराव को तो यहां निवासी प्रकृति का कहर मान सकते है ।

अब आते है उन लोगो की समस्या पर जो बिल्डर के प्रोजेक्ट में अपना पैसा लगा चुके हैं किंतु पजेशन का इंतजार कर रहे हैं सोमवार को मेरी मुलाकात गोल्डन आई नाम से बन रहे प्रोजेक्ट के बाहर राजकुमार शर्मा जी से होती है । दादरी के रहने वाले राजकुमार शर्मा जी ने अपनी माता जी के नाम से यहां एक ऑफिस बुक कराया हुआ है राजकुमार शर्मा जी ने मुझे बताया कि वह बिल्डर को सारा पैसा दे चुके हैं और जल्द ही उनको ऑफिस मिलने की संभावना है वह मुझे अपना ऑफिस दिखाने ले जाते हैं तो उसकी वर्तमान स्थिति डिलीवर होने लायक नहीं दिखती है ।

राजकुमार शर्मा जैसे तमाम लोग कमर्शियल प्रोजेक्ट में इसलिए पैसे लगाते है कि इसमें आवासीय फ्लैटों में पैसा लगाने से ज्यादा जल्दी और बेहतर रिटर्न मिलेगा किंतु जब प्रोजेक्ट में देरी हो तो रिटर्न मिल जाएगा ये ही बहुत है। मुझे ये भी पता लगा कि इस शहर में किसी भी बिल्डर के हेड ऑफिस में बैठे लोग अक्सर पैसा लेने के बाद ऐसे ही बात करते है, ग्राहक भगवान से मुदद्दीलाल हो जाता है

नीचे CRM ऑफिस में बैठे अधिकारी से बातचीत में पता लगता है कि यह अभी अगस्त या सितंबर के बाद ही डिलीवर हो पाएगा । उसके बाद उनके आग्रह पर बिल्डर की इस प्रोजेक्ट को देख रही महिला से फोन पर बात होती है जो बेहद रुड तरीके से बात करते हुए कहती है कि बिल्डर का रेरा प्रोजेक्ट डिलेवरी दिसंबर 2023 का है । और आपने अभी तक पैसे नहीं दिए है । राजकुमार शर्मा के ये बताने पर कि वह 3 महीने पहले ही पूरा पैसा दे चुके हैं वह महिला बताती हैं की आपने इस स्टांप ड्यूटी जमा नहीं करी है और रजिस्ट्री के बिना आपको ऑफिस नही मिलेगा । राजकुमार उससे पूछने की कोशिश करते हैं कि आपने रजिस्ट्री के स्टाम्प फीस के लिए मेल कब भेजा है और जब अभी तक साइट पर मौजूद ऑफिस तैयार नहीं है तो आप स्टांप ड्यूटी के पैसे लेकर कैसे डिलीवर कर देंगे इस पर वह महिला फोन काट देती है ।

राजकुमार शर्मा डिलीवरी में हो रहे इस देरी से अपने होने वाले नुकसान के कैलकुलेशन शुरु करते है और बस दुखी हो पाते है। साइट पर मौजूद व्यक्ति भी मानता है कि कमर्शियल प्रोजेक्ट की डिलीवरी में देरी होने से कस्टमर को सीधा नुकसान होता है किंतु वह बेबस है और राजकुमार शर्मा भी ।

वहां से बहार निकल कर एनसीआर खबर से बाहर बातचीत में बताते हैं कि बिल्डर ने इस ऑफिस की रजिस्ट्री को कराने के लिए वकील की फीस ₹25000 बताई है जबकि ये काम वो स्वयं 5000 रुपए तक में करवा सकते है । वह दुख प्रकट करते हैं कि बिल्डर हमसे एक भी पेमेंट लेट होने पर लेट फीस लगाता रहा किंतु अब डिलीवरी के मामले में पूरा पैसा देने के 3 महीने बाद भी अगर दिसंबर में भी ऑफिस मिल जाए तो बड़ी बात होगी ।

मैं राजकुमार शर्मा का दर्द और उनकी समस्या पर खुद को बेबस फील करता हूं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के दावों को याद करता हूं और उनको उनके हाल पर छोड़ देता हूं इसके आगे मुझे उनका भविष्य आज बारिश में डूबे सोसाइटी और मार्केट के उपभोक्ताओं में दिखता है । जब वो भी बारिश के कारण जलभराव, जाम की समस्या की शिकायत मीडिया को भेज रहे होंगे

NCRKhabar Mobile Desk

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