बीते 4 सालो से नॉएडा की सीईओ रही ऋतू माहेश्वरी का स्थानान्तरण का समाचार जैसे ही बुधवार शाम एनसीआर खबर ने प्रकाशित किया l लोगो की मिश्रित प्रतिक्रिया आने लगी किन्तु किसी अधिकारी के स्थानान्तरण पर बहुतायत में लोगो की प्रसन्नता ने ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर किसी अधिकारी के प्रति ऐसी जन भावना क्यूँ हो सकती है l
लखनऊ के सूत्रों की माने तो तो ऋतू माहेश्वरी का स्थानान्तरण यूं ही नहीं हुआ है। इसके पीछे 3 बड़े कारण माने जा रहे है जिनमे पहला कारण CM ऑफिस से नाराजगी, दूसरा कारण नॉएडा ग्रेताएर नॉएडा प्राधिकरण में चल रहे किसान आंदोलन और तीसरा प्रमुख कारण बिल्डर बायर्स मुद्दा है l सीईओ पर अपनी तुनक मिजाजी के कारण इनको सँभालने की जगह चहेतों को रेवड़ियाँ और जनता से सीढ़ी बात ना करने के आरोप लगते रहे है l इसके साथ ही भ्रष्टाचार में सीधे शामिल ना होने के बाबजूद भ्रष्टाचार संरक्षण को लेकर तमाम प्रश्न उठते रहे है l रेहड़ी पटरी संघ के लगातार सीईओ के खिलाफ आन्दोलन और आरोपों ने भी उनके स्थानान्तरण पर बड़ा काम किया l स्वयं 4 से जयादा बार रेहड़ी पटरी संघ के अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर सीईओ को हटाये जाने के दावे तक कर दिए थे l किन्तु बुधवार को आया उनका दावा सही साबित हुआ l ऋतू के स्थानान्तरण पर जहाँ स्थानीय किसान और शहरी प्रसन्न देखे तो पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग दुखी भी दिखा और उन्होंने उनकी उपलब्धियों को प्रकाशित कर अपना दुःख भी प्रकट किया l
जनता में ऋतू माहेश्वरी के स्थानान्तरण पर आई प्रतिक्रिया के आधार पर हमने वो 7 प्रमुख कारण समझने की कोशिश की जिन पर सबसे जयादा चर्चा हो रही है
- प्राधिकरण की नाक के नीचे नॉएडा में वैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में एक PIL दाखिल की गई है, जिसको लेकर लखनऊ से काफी नाराजगी जाहिर की गई है। हाईकोर्ट में अथॉरिटी के मामलों को ठीक से नहीं रख पाने को लेकर मुख्यमंत्री पहले भी कई बार नाराजगी जता चुके हैं। ऋतू महेश्वरी को सेक्टर-82 नोएडा में हुए भूमि अधिग्रहण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी हुआ था, जिसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट चली गई थीं। साथ ही पिछले वर्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतू महेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। मामला हाईकोर्ट की अवमानना का था। SC के जस्टिस रमन्ना ने तब यूपी सरकार को भी काफी कड़े शब्दों में डांट लगाई थी कि आपके IAS अफसर न्यायपालिका का सम्मान नहीं करते। इसके साथ ही रितु पर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया था।
- किसान आन्दोलन को लेकर ऋतू माहेश्वरी का आचरण मुख्यमंत्री कार्यालय के लिए असहनीय हो रहा थाm किसान लगातार सीईओ दीदी गो बेक जैसे नारे लगा रहे थे तो कई बार उनको जिद्दी और अहंकारी भी कहा जा रहा था l प्राधिकरण के ही एक पूर्व आईएस ने ग्रेटर नॉएडा के किसान आन्दोलन के लम्बे खीचने का प्रमुख कारण उनकी जिद, अक्षमता बताया था l
- बिल्डर बायर मामले उत्तर प्रदेश सरकार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके है l माध्यम वर्ग नॉएडा में भाजपा का प्रमुख वोट बैंक है और वही ऋतू माहेश्वरी के कारण आज तक रजिस्ट्री के लिए परेशान है l नॉएडा के लोगो की माने तो नॉएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में बन्ने वाली दुकानों को बिकवाने में बड़ा घोटाला किया है, सोसाइटी में दुकाने कामन एरिया की तरह फ़्लैट बायेर्स की होनी चाहिए l इसको लेकर नॉएडा की एक सोसाइटी महागुन मोर्डन ने बाकायदा सीईओ से मिलकर इस पर कार्यवाही की मांग की किन्तु आरोप है कि बिल्डर लाबी के दबाब में ये मुद्दा आज भी कायम है l माहेश्वरी चाहती तो इस पर जांच कराकर लोगो की समस्याए हल कर सकती थी जिससे नॉएडा में भ्रष्टाचार के एक बड़े सिंडिकेट का सच सामने आता l यही नहीं २५ जून को मुख्यमंत्री की बायेर्स संघो के साथ मीटिंग में फेवरेटिस्म के आरोप भी लगे थे l
- प्राधिकरण के 200 करोड़ की बैंक ऑफ इंडिया में कराई गई FD को लेकर ऋतू पर भ्रष्टाचार का आरोप तो नहीं लगा किन्तु उनके रहते ऐसे काण्ड होने से भ्रष्टाचार संरक्षण की चर्चाये होने लगी जिससे मुख्यमंत्री कार्यालय खुश नहीं था। सूत्रों के अनुसार , मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों की जानकारी में भी FD वाली बात नहीं थी।
- नोएडा में आई बाढ़ के दौरान भी नोएडा CEO जमीन पर कहीं भी नजर नहीं आईं। नोएडा के जनप्रतिनिधियों ने भी CEO को लेकर मुख्यमंत्री से कई बार शिकायतें की थीं कि वो काम करना तो दूर किसी से जल्दी मिलती भी नहीं हैं। हालांकि इसके बाद एक-दो बार वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने गई थीं।
- नॉएडा में मेट्रो ट्रेन को लेकर ऋतू माहेश्वरी की आलोचना होती रही है l भाजपा के नेताओं ने लोगो से 2022 चुनावो तक मेट्रो को ग्रेटर नॉएडा वेस्ट तक पहुंचाने का लक्ष्य अभी तक कागजो में भी पूर्ण नहीं हो पाया, तो कोविड के समय एक्वा लाइन पर 5 मेट्रो स्टेशन बंद कर टाइम बचाने जैसी पालिसी पर ऋतू माहेश्वरी की बहुत आलोचना भी हुई l उनके रहते ही NMRC ने नॉएडा में चल रही लो फ्लोर एसी बसों को भी बंद कर दिया गया जो आज तक आरम्भ नहीं हो सकी है
- शो विंडो सिटी कहे जाने वाले नोएडा में सितम्बर महीने में G20 के कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं जिसको लेकर तैयारियां भी चल रही हैं। 25 जून को जब योगी आदित्य नाथ नोएडा दौरे के समय उन्हें कार्यक्रम का प्रेजेंटेशन दिया गया था l साथ ही ऋतू के समय बनाए पर्थला के एक मात्र पुल काम की गुणवत्ता पर लगातार उठते प्रश्न से मुख्यमंत्री बहुत नाराज थे। जिसके चलते नगर के सौंदर्यीकरण का लाभभी उनके विरूद्ध हो गया क्योंकि लोगो ने कहा कि नगर सडको और नालो की सफाई से साफ़ होता है ना की चमचमाती रंगीन लाइटों और पेंटिंग से, और सडको और पुलों पर बने गढढे नगर वासियों को मुहं चिडा रहे थे
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— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) July 20, 2023