ग्रेटर नोएडा में बागेश्वर धाम की कथा दूसरे दिन शुरू हो गई । कथा के आरंभ होने के साथ ही ट्विटर पर बागेश्वर दरबार नोएडा ( bageshwar darbar noida) के नाम से एक की वर्ड ट्रेंड दिखाई देने लगा जो समाचार लिखे जाने तक इंडिया ट्रेंड में दूसरी पोजीशन पर पहुंच चुका था । लोगों ने इसे बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता का एक और माइलस्टोन बताया और हिंदू धर्म के नाम पर लोगों के विश्वास में वृद्धि बताया ।
किंतु एनसीआर खबर इस बात ट्रेंड को लेकर हैरान था कि आखिर हैश टैग की जगह की वर्ड ट्रेंड की आवश्यकता बागेश्वर धाम सरकार को क्यों पड़ी ? आपको बता दें अक्सर ऐसे कीवर्ड एक खास एजेंडे के लिए ट्रेंड किए जाते हैं । इन ट्रेंड्स को ध्यान से देखने पर इसमें बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री से ज्यादा महत्वपूर्ण इसके आयोजक शैलेंद्र शर्मा उर्फ शीलू पंडित दिखाई देने शुरू हुए । इस ट्रेंड में बागेश्वर दरबार नोएडा के साथ बागेश्वर धाम के ट्विटर अकाउंट और शैलेंद्र शर्मा के ट्विटर अकाउंट को लगातार प्रयोग किया जा रहा है
एनसीआर खबर ने इस प्रकरण को लेकर अपनी सोशल मीडिया टीम के एक्सपर्ट से बात की तो उन्होंने कुछ स्क्रीनशॉट निकाल कर दिए जिनसे यह पता लगा कि यह सब लोग आईटी सेल से भी जुड़े हुए हैं, इस ट्रेंड में ट्वीट कर रहे कई यूजर फेक भी हो सकते है और ऐसा लगता है कि यह किसी खास एजेंडे के अंतर्गत ट्विटर पर ट्रेंड कर आ रहे हैं हालांकि आयोजकों में विवाद के बाद इस ट्रेंड की आवश्यकता क्यों पड़ी है यह अभी समझ से बाहर है । एनसीआर खबर ने इस ट्रेंड के कुछ यूजर के ट्वीट को भी आपके लिए यहां लगाया है । इससे आप इसके तरीके को समझ पाएंगे
वही इस पूरे प्रकरण के बाद यह भी माना जा रहा है कि लगातार ग्रेटर नोएडा के कार्यक्रम को चर्चा में बनाए रखने के लिए भी आयोजक की तरफ से यह प्रयास हो सकता है। वह कुछ लोगो के अनुसार ऐसा भी लग रहा है कि इस कथा के माध्यम से भगवान की भक्ति कम राजनैतिक इमेज बनाने के प्रयास ज्यादा हो रहे हैं और शायद 2024 के चुनाव के मद्देनजर नजर एक बड़ी तैयारी को अंजाम दिया जा रहा है। क्या इस भागवत के बाद गौतम बुध नगर की राजनीति का महाभारत आरंभ हो जाएगा क्या इस बार गौतम बुध नगर में लोकसभा का चुनाव विपक्ष के बजाय भाजपा के अंदर ही लड़ा जाएगा यह प्रश्न अब लगातार उठते जा रहे हैं ।