राजनीति में कोई स्थाई मित्र नहीं होता और कोई स्थाई शत्रु भी नहीं होता । लेकिन दशक भर पहले आइए फिल्म का एक डायलॉग आजकल भाजपा जिला अध्यक्ष की दौड़ में शामिल लोगों के लिए फिट बैठ रहा है अपना दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है किंतु अपना दोस्त टॉप कर जाए तो बहुत ज्यादा दुख होता है ।
बुधवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के कॉलेज में भाजपा की सोशल मीडिया मीट का आयोजन था । कार्यक्रम में जिले भर से सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगो को बुलाने का काम शुरू किया गया । तीनों विधानसभाओं के सभी मंडलों से सोशल मीडिया एक्सपर्ट बुलाए गए थे चर्चा में राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर और हिमाचल के सह प्रभारी जम्मू कश्मीर से विधायक देवेंद्र राणा भी मौजूद थे।
ऐसे में अपना दावा दिखाने से ज्यादा यहां जिले में अगले भाजपा जिलाध्यक्ष के सभी दावेदारों के बीच 2 दिन पहले हुए लखनऊ में सोशल मीडिया मीट को लेकर चर्चाएं थी । इसका भी कारण कदाचित जिले से भेजी गई सोशल मीडिया टीम से अलग मंडल अध्यक्ष द्वारा वहां अपनी टीम के साथ मौजूद रहना था । जानकारों के अनुसार इस मंडल अध्यक्ष को पूर्व में भी पैराशूट अध्यक्ष ही कहा गया है और सोशल मीडिया पर बड़े इनफ्लुएंसर में शामिल किया जाता है
ऐसे में लखनऊ का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अधिकांश लोग तो उसी रात लौट आए लेकिन भाई साहब 1 दिन बाद लखनऊ में कुछ लोगों से मिलकर आ रहे हैं । जिसके बाद लोगों में चर्चा है कि कहीं यह सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर मंडल अध्यक्ष जिला अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अपना दांव तो नहीं खेल रहा है ।
लोगों को इस बात का इसलिए भी डर लग रहा है क्योंकि बीते सालों में लगातार काम करने के मामले में और भीड़ इकट्ठी करने के मामले में उसका रिकॉर्ड अच्छा रहा है ऐसे में जिस चर्चा में 2024 के चुनाव की बातें होनी थी वहां जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों से लेकर सुरेंद्र नागर तक मंडल अध्यक्ष के साथ फोटो खिंचवाते दिखे और उसके बाद लोगों की नींद उड़ गई है अब जुलाई के महीने में जिला अध्यक्ष कौन बनेगा आने वाले दिनों में ही तय होगा ।