आज का मुद्दा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आता है शाम 6:00 बजे मैं बिसरख sector-1 के सुपरटेक इकोविलेज 1 में चल रहे धरने को देखते हुए आगे की तरफ चला तो देखा एक कार सर्विस रोड पर गड्ढे में घुसी हुई है । कार मालिक को शायद सुपरटेक इको विलेज 1 के बनाए हुए मार्केट में जाना था और इसीलिए कार चालक में अपनी कार को सर्विस रोड के साथ बनी मिट्टी के फुटपाथ पर कार लगानी चाहिए मगर उसकी बदकिस्मती थी कि वहां कई गड्ढे थे जिसमें उसकी कार का अगला टायर फस गया । इस घटना में आप कहेंगे कि ऐसा इसमें क्या है जिसको लिखा जाए दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ग्रेनो प्राधिकरण के अधिकारियों की नजर से बहुत दूर रहता है इसलिए यहां पर विकास की बातें हमेशा बेमानी ही प्राधिकरण के अधिकारियों और उनके वर्क सर्किल में काम करने वालों के भ्रष्टाचार के चलते यहां ना तो अवैध बाजारों पर कोई लगाम लगती है और ना ही सड़कों और बाजारों पर कोई कार्य किया जाता है ।
इन सब के सफाई और मेंटिनेंस के लिए बाकायदा वर्क सर्किल बनाए गए हैं इनका काम यहां पर सुविधाएं प्रदान करना था, कदाचित प्राधिकरण ने यहां बड़े-बड़े प्लॉट बिल्डरों को देखकर अपने कार्यों की इतिश्री समझ ली है और इसीलिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कहीं पर भी सड़क और सड़क के साथ बने फुटपाथ की स्थिति सही नहीं है । पूरे सेक्टर 1 की सड़के एक बार फिर से टूटने लगी है जिन पर किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है
लोगो के अनुसार अक्सर सवाल उठाने पर वर्क सर्किल के संविदा अधिकारी से बिल्डर के मेंटिनेंस पर दबाव डालकर ठीक कराने की कोशिश करते हैं और बिल्डर भी समय की नजाकत के अनुसार थोड़ा सा दिखा कर अपने कामों की इतिश्री कर लेता है । ऐसे में आम आदमी की कार या मोटरसाइकिल या फिर वो कभी-कभी खुद भी ऐसे ही गड्ढों में गिरकर प्रताड़ित हो तो किसी को क्या फर्क पड़ता है ।प्राधिकरण के वर्क सर्कल में होता भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है अक्सर यहां निवासियों द्वारा मार्केट में कियोस्क और अवैध पटरी बाजार की शिकायतें की जाती है लेकिन आकंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे प्राधिकरण पर कोई फर्क नही पड़ता है ।
लोगों का यह भी कहना है उधार की सीईओ के सहारे चल रहे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्ट कर्मचारियों को भी पता है यहां कोई देखने वाला नहीं है । नोएडा में अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी सीईओ ही नोएडा के साथ ग्रेटर नोएडा का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाल रही है । उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ सरकार गौतम बुध नगर से राजस्व चाहती है मगर ना तो वह प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहती है ना ही हर प्राधिकरण के लिए अलग सीईओ देना चाहती है ऐसे लोगों को इस तरह के समस्याओं से जुड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है । सरकार और अधिकारी अगले 2 महीने वैसे भी जी-20 के नाम पर चेहरा चमकाने के लिए वयस्त रहेंगे