शनिवार को निर्दलीय प्रत्याशी जग भूषण गर्ग के दोपहर बाद फोन स्विच ऑफ होने के बाद उनके लापता होने और सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ खड़े होकर दिखाई देने के बाद से दादरी चुनाव की राजनीति में बड़ा बदलाव आ गया है । जहां एक और जग भूषण गर्ग के लापता होने से उनके समर्थकों और उनको छिपे तौर पर लड़ा रहे लोगों की राजनीति को बड़ा झटका लगा वहीं भाजपा के लोगों की खुशी में चार चांद लग गए भाजपाइयों ने सभी जगह यह प्रचारित कर दिया कि मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद जग् भूषण बैठ गए हालांकि भूषण के वापस न लौटने से उनके लापता और अपहरण होने के चर्चाओं को भी दादरी में खूब कहा जा रहा है लोगों ने रबूपुरा के उदाहरण से भूषण के अपहरण और उनके चुनाव बाद लौटने की ही संभावनाओं से इंकार नहीं किया है । और इस को लेकर भाजपा के सत्ता दुरुपयोग को लेकर कई तरीके की बातें भी चल रही है
भाजपा के उत्साह सातवे आसमान पर, चुनावी खर्च पर आयोग की निगाह
जग भूषण कहीं भी हो लेकिन फिलहाल क्षेत्र में भाजपा अब अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हो गया गई है भाजपा प्रत्याशी ने रविवार को जिले के 2 बड़े समाचार पत्रों में अपने प्रचार विज्ञापन भी छापे और संगठन की ओर से लगातार प्रचार को बढ़ाया जा रहा है आखिरी चरण में भाजपा इस पूरे चुनाव को दादरी में मुस्लिम चेयरमैन होने का डर दिखा कर भी जीतने की तैयारी कर रही है । इसके लिए इस मंगलवार को दादरी के सभी मंदिरों में हनुमान चालीसा का व्रत आयोजन में किया जा सकता है जिसको भाजपा का अपरोक्ष समर्थन रहेगा ताकि वह चुनावी खर्च में शामिल ना हो । भाजपा के रणनीतिकारों के अनुसार ये चुनाव अब नाक का प्रश्न है पिछली बार की तरह चाहे सभासद तीन ही जीते मगर चेयरमैन अपना ही होना चाहिए ।
समाजवादी पार्टी का प्रचार हुआ शून्य, बदले घटनाक्रम से पार्टी भारी दबाव में
वहीं शनिवार के बाद समाजवादी पार्टी का प्रचार एकदम शून्य हो गया जग भूषण गर्ग के चुनाव को लड़ा रहे समाजवादी के कई लोग अचानक सकते में आ गए और उनकी हताशा दादरी में लगातार देखने को मिली । आपको बता दें कि जग भूषण गर्ग को चुनाव लड़ाने के नाम पर व्यापारी संगठन के भेष में सपा नोएडा के पूर्व अध्यक्ष दीपक बिज भी 2 दिन पहले पहुंचे थे और भूषण के लिए वोटो की रणनीति पर चर्चा की थी इसी तरीके से समाजवादी पार्टी से जुड़े कई लोग जग भूषण गर्ग के साथ लगातार प्रचार में लगे हुए थे जो शनिवार को उनके लापता होने के बाद परेशान दिखाई दिए कई लोगों ने जग भूषण के लापता होने के बावजूद स्कूटर पर ही अपना वोट देने की बात कही तो कई लोग नोटा का विकल्प ढूंढते दिखे । दादरी में अब चुनावी चर्चा में भाजपा के दबाव के कारण लापता हुए जग भूषण के बाद विरोधी वोटो को समाजवादी पार्टी को देने का प्रयास जारी है ।
कांग्रेस के अशोक पंडित भी उठा रहे मौके का फायदा
जगभूषण गर्ग के लापता होने के बाद दादरी में अफवाह कांग्रेस प्रत्याशी अशोक पंडित के ऊपर भी दबाव पड़ने की उड़ाई गई लेकिन फिलहाल अशोक पंडित कांग्रेस के टिकट पर टिके हुए हैं और दादरी के भाजपा विरोधी लोगों से लगातार जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं माना जा रहा है कि अभी तक रेस में कहीं दिखाई नहीं दे रहे अशोक पंडित अब दादरी में गीता पंडित और अयूब मलिक विरोधियों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं दादरी में कुछ लोग उनके द्वारा किए गए काम को भी सही बता रहे हैं । बताया जा रहा है कि अशोक पंडित ने कुछ क्षेत्रों में अपने खर्चे से बिना चुनाव के ही कई काम कराए हैं कई बिजली के खंभे लगाए हैं जिससे दादरी के वोटर्स का एक बड़ा हिस्सा उनके लिए भी बात कर रहा है । ऐसे में अगर हिंदू मुस्लिम राजनीति को इग्नोर किया गया तो अशोक पंडित कुछ चमत्कार कर सकते है ।
क्या बसपा प्रत्याशी होगा डार्क हॉर्स?
वहीं कुछ लोगों का अब यह भी कहना है कि इस पूरे चुनाव में अगर कोई प्रत्याशी डार्क और साबित हो सकता है तो वह बसपा से चुनाव लड़ रहे राव रविंद्र भाटी भी हो सकते हैं । बीते चुनाव में बसपा प्रत्याशी के तौर पर अयूब मलिक को 16000 वोट मिले थे बसपा के संगठन ने अयूब के संगठन के साथ मिलकर चुनाव ना लड़ने की आदत पर कई रिपोर्ट भेजी थी जिसके बाद माना गया कि मलिक का टिकट काटकर राव रविंद्र भाटी को टिकट दिया गया ऐसे में शहर में 10 प्रतिशत दलित वोट के अलावा मुस्लिम, गुर्जर, वैश्य और ब्राह्मण वोटों के नाराज समूह अगर रविंद्र भाटी के पक्ष में मतदान कर देते हैं तो ऊपर मौजूद तीनों प्रत्याशियों के समीकरण बिगड़ जाएंगे 16000 वोट पाने वाली बसपा इस बार 20000 का आंकड़ा पार कर पहली बार इस सीट पर गुर्जर समाज के प्रत्याशी को चेयरमैन बना सकता है