नोएडा गाजियाबाद में कोरोना ने बढ़ाई व्यापारियों को चिंता, दुकानदारी के समय नाइट कर्फ्यू शुरू

गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद जैसे उत्तर प्रदेश के 10 शहरो में नाइट कर्फ्यू की सीमा को बढ़ा कर शाम 8 बजे से सुबह 7 बजे तक कर दिया गया है। वहीं दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है। जिसके बाद नोएडा गाजियाबाद ग्रेटर नॉएडा में बड़े माल्स और स्थानीय बाजारों में दिन में तेज गर्मी से खाली बैठे व्यापारी परेशान हो गए है । लोगो के अनुसार सरकार दिन में भले ही 12 बजे से 5 बजे तक कर्फ्यू लगा दें लेकिन रात को 11 बजे तक बाजार खुलने दें ताकि जीविका और जीवन दोनो काम चल सके ।
ग्रेनो वेस्ट सेक्टर 1 में अरोरा ढाबा के नाम से रेस्तरां चलाने वाले राकेश अरोरा कहते है कि अब हमारे बिजनेस के लिए तो बड़ी समस्या खड़ी हो गई है ।इस क्षेत्र में लोग 8 बजे के बाद ही खाना मंगाते थे लेकिन अगर 8 बजे रेस्त्रां को बंद कर देंगे तो बिजनेस तो शुरू ही नही हो पाएगा। सरकार को कम से कम डिलीवरी के लिए तो 11 बजे तक समय देना चाहिए। हम इन लड़कों के लीगल पास बनवा लेंगे ।
वहीं एक बैंकिंग फर्म में काम करने वाली संगीता कहतीं है कोरोना को देखते हुए वो सरकार से सहमत है लेकिन फिर फिर सरकार के इस फैसले से पुलिस द्वारा मास्क के नाम पर आम लोगो के चालान ना काटने की मुहिम चल जाए । पिछली बार भी आम आदमी को तमाम बातों के लिए दंडित किया था लेकिन नेता कोरोना के नियमो की धज्जियां उड़ा रहे थे
नॉएडा 7X के केपटाउन में रहने वाले टिप्स क्लासेज के डायरेक्टर शैलेन्द्र बरनवाल कहते है कोरोना पर तुगलकी फरमान से आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है, इसका सबसे बुरा असर छोटे कोचिंग संचालकों एवं ट्यूटर पर पड़ा है शाम में 4:00 से 8:00 बजे तक कोचिंग चलती थी लेकिन, सरकार के इस तुगलकी फरमान ने करोड़ों छात्रों का जीवन के साथ-साथ को पढ़ाने वाले लाखों कोचिंग संचालकों एवं ट्यूटर के जीवन यापन की समस्या उठ खड़ी हुई है
क्रासिंग रिपब्लिक में The Zafraan रेस्तरां के मालिक विश्वजीत मजुमदार इस नियम से खुश तो है कि सरकार कोरोना के लिए उचित कदम उठा रही है लेकिन इसके चलते लोगो को खाना मिलने की होने वाली परेशानी पर भी सवाल करते हैं I आम तोर पर 8 बजे तक घर वापस आने के बाद ही लोग खाना खाने निकलते है या घर पर मंगवाते है लेकिन इस नियम से वो खाना कैसे खायेंगे ये समस्या हो जायेगी नॉएडा गाजियाबाद जैसे शहरो में सब लोग घरो में खाना नहीं बना सकते है ऐसे में उनके लिए सरकार को कम से कम रात 11 बजे तक डिलीवरी की सुविधा तो देनी ही चाहिए
ग्रेनो वेस्ट में साइकिल शोरूम रोमियो साइकिल के मालिक प्रशांत शुक्ला कहते है कि नाईट कर्फ्यू प्रशासनिक तंत्र का असफल चेहरा है। कोरोना संक्रमण नियंत्रण के मानकों का कभी भी अनिवार्य रूप से पालन कराने में असमर्थ रही है। मध्यम स्तरीय व्यापारी होने के नाते व्यापार को ठप करने की तरफ एक कदम है:- लाकडाउन- व्यापारियों का नॉक डाउन।
बिसरख में नेत्रा ब्यूटी पार्लर चलाने वाली उमा नागपाल कहतीं है कि 8 बजे नाईट कर्फ्यू से जैसे छोटे लोग की तो दुकानदारी ही खतम हों जायेगी । बस राशन दूध वाले ही कमा पाएंगे।
आईटी कंपनी चलाने वाले सुरेश सरकार के फैसले से सहमत तो दिखे मगर 8 बजे तक ही सब को घरों के लौटने के फैसले पर असहज है। सुरेश कहते है कि इस हिसाब से लोग 6 बजे ही आफिस छोड़ना शुरू कर देंगे उन्होंने नेताओ की रैली और होने वाली दावतों पर भी सवाल उठाए और कहा सरकार सिर्फ मध्यम वर्गनपार ही सारी जिम्मेदारी डाल देती है और नेता लोग किसी बंधन को नहीं मानते है
नाथू फर्म्स बैंकट हाल के डायरेक्टर देवराज नागर कहते है नाईट कर्फ्यू से शादी के कार्यक्रम तो पुरे ही रुक गये है नॉएडा प्रशासन को दिल्ली की तरह ही शादी की अनुमति देनी चाहिए और शादी के पास ज़ारी करने चाहिए I इस समय जिनकी कई महीने पहले से शादियाँ बुक है थोड़ी छुट उनको मिलनी चाहिए