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उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर सम्मिट से पहले नोएडा में बाबा की साख को चुनौती : युवा आंतरप्रेनर को मिला गुमनाम धमकी भरा पत्र, छवि खराब करने के लिए स्थानीय मीडिया से कराया ट्रायल

ये नया भारत है, 2014 के बाद देश में उद्योगपतियों से अलग आंतरप्रेनर शिप को जब देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने बढ़ावा दिया तो कई युवाओं ने नौकरी छोड़ कर व्यवसाय में कदम रखा और अभूतपूर्व सफलताएं प्राप्त की लेकिन देश में टुकड़े टुकड़े गैंग और देश की प्रगति को लगातार निशाना बनाने वाले लोगों सब रास नहीं आ रहा । भारत को 5 ट्रिलियन इकोनामी बनाने से रोकने के लिए जहां बीते दिनों देश के और विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बने अदानी के खिलाफ हिंडनवर्ग की रिपोर्ट को इस्तेमाल किया गया है जिसका सच भी लोगो के सामने आया और पता चला कि यह भारतीय उद्योगपतियों को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश थी

इसी तरह उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन इकोनमी बनाने के लिए लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एजेंडे को भी उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी गौतम बुध नगर में षड्यंत्र के तहत रोका जा रहा है । 10 से 12 फरवरी जब पूरा उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर सम्मिट के लिए तैयारी कर रहा है तब उससे पहले यहां व्यवसाय क्यों को धमकी देने के मामले सामने आ रहे हैं जिससे इन्वेस्टर भयभीत हो । और एक बार फिर से देश विरोधी ताकते, सख्त कानून व्यवस्था के कारण प्रदेश छोड़ भागे अपराधी और टुकड़े टुकड़े गैंग के कुछ पत्रकार उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में बनने से रोक सकें

2104 में नौकरी छोड़ मोदी जी के आंतरप्रेनर बनने की अपील के बाद व्यापार में आए गौतम बुध नगर के एक नोएडा स्थित युवा आंतरप्रेनर ने सोशल मीडिया पर बुधवार को अपराधियों द्वारा धमकी मिलने का एक पत्र जारी करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस और नोएडा पुलिस से अपनी सुरक्षा मांगी है तीन खंड में किए गए ट्वीटस में में व्यवसाई ने जान से मारने की धमकी के अलावा ब्लैकमेल के लिए कुख्यात स्थानीय मीडिया और पत्रकारों पर भी उनकी छवि धूमिल करने के गंभीर आरोप लगाए हैं ।

आंतरप्रेनर को मिला धमकी भरा पत्र, नोएडा पुलिस के लिए बना चुनौती

नोएडा में सौरभ सिंह नाम के एक आंतरप्रेनर ने सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी किया और उसमें उत्तर प्रदेश पुलिस नोएडा पुलिस को टैग किया है पत्र में आंतरप्रेनर को कहा जा रहा है कि उस पर और उसके साथ के लोगो नजर रखी जा रही है । और अगर उसके बारे में और गतिविधियां दिखाई दे तो उसका दंड उसे भुगतना पड़ सकता है और वह धमकी देने वाले को जब तक जानेगा तब तक वो उसकी पहुंच से बहुत दूर होगा । सौरभ सिंह ने लिखा कि अन्तिम चांस देने के नाम पर मुझे कल 06.02.23 को गुमनाम ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें मुझे व मेरे ग्रुप के सारे लोगों को मिटा दिये जाने की धमकी दी है इसी सन्दर्भ में कुछ माह पूर्व मेरे घर का CCTV सिस्टम क्षतिग्रस्त किये जाने तथा उसके बाद फोन पर तथा सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे मिल रही जान से मारने की धमकियों के सम्बंध में थानाप्रभारी 113, नोएडा तथा उच्चाधिकारियों को अनेक सबूत सहित शिकायतें दी गई हैं । उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर सम्मिट से ठीक पहले इस तरह की धमकी के आने के बाद नोएडा पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो गई है ।

सोर्स : सौरभ सिंह द्वारा ट्विटर पर जारी ईमेल

मीडिया ट्रायल के जरिए छवि धूमिल करने की कोशिश के लगाए आरोप

सौरभ सिंह ने अपने तीसरे ट्वीट में मीडिया के कुछ पत्रकारों पर भी आरोप लगाए हैं उन्होंने लिखा कि मुझे लगातार कुछ पत्रकारों के माध्यम से ब्लैकमेल व बदनाम किये जाने का कुत्सित प्रयास भी हुआ है | मुझे मिल रही धमकियों और ब्लैकमेलिंग की अगर गहनता से जांच की जाय तो सूत्रधार का पता चल सकता है।

इस प्रकरण पर सौरभ सिंह के दावे में सच्चाई भी नजर आती है क्योंकि जिले के एक समाचार पत्र ने बीते दिनों सौरभ सिंह को एक ऐसे मामले में मुख्य आरोपी बताकर भ्रामक समाचार प्रकाशित किया गया था । समाचार और संदर्भ प्रकरण की गहनता से जांच के बाद पता लगा कि सौरभ सिंह उक्त मामले में भी सीधे आरोपी नहीं थे और जिस f.i.r. के नाम पर उनको फ्रेम किया गया उस f.i.r. पर पुलिस पहले ही एफआर रिपोर्ट एफआर लगा चुकी थी जिसकी सुनवाई न्यायालय में होनी थी और यह माना गया कि ऐसे समाचार के जरिए पुलिस और न्यायालय दोनों को प्रभावित करने की कोशिश की गई । रोचक बात ये थी कि समाचार में F.i.r. में लिखी जानकारी से उलट सौरभ सिंह को ना सिर्फ धोखेबाज बताया गया बल्कि उनको नेताओं को सुरा सुंदरी सप्लाई करने वाला भी बता दिया गया जिसको सीधे-सीधे पत्रकारिता के नैतिक नियमों का उल्लंघन भी कहा जा सकता है या फिर किसी एजेंडे के तहत लिखी लिखा गया समाचार माना जा सकता है ।

नोएडा के एक वरिष्ठ पत्रकार ने भी एनसीआर खबर से उक्त समाचार पर पत्रकारिता के गिरते मूल्यों के लिए भी चिंता व्यक्त की और कहां कि उन्हें समाचार में समाचार की सत्यता से ज्यादा उसको लिखने के हल्के पन पर बेहद आपत्ति है स्थानीय मीडिया को कम से कम भाषा के मामले पर अपनी पकड़ मजबूत करना बहुत जरूरी है

क्या है प्रकरण ?

एनसीआर खबर ने जब सौरभ सिंह और उस प्रकरण में सामने आए पक्षकार के पुराने ट्विट्स को खंगाला तो यह पता लगा कि वह झगड़ा किसी कंपनी के आपस में साझेदारों के बीच था जिसमें कंपनी के निदेशको ने बोर्ड मीटिंग कर एक निदेशक के खिलाफ पैसे के गबन के आरोप लगाए थे और एफआईआर की थी, जिसमे निदेशक के खिलाफ चार्ज शीट हो गई थी । बाद में आरोपी निदेशक ने अपने जानकर सौरभ सिंह से मामले को सुलझवाने की कोशिश की जिस पर सौरभ सिंह ने व्हाट्सएप पर जवाब दिया कि वह बाकी बोर्ड मेंबर से रिक्वेस्ट कर सकते हैं लेकिन सीधा हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं क्योंकि वह उनकी कंपनी में कोई प्रभाव नहीं रखते हैं । माना जा रहा है कि इसी के बाद आरोपी निदेशक ने सौरभ को दोषी माना और कंपनी के बाकी निदेशको के साथ साथ सौरभ सिंह को तथा एक अन्य महिला एचआर कर्मचारी को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जिसके जिसके लिए उन्हें कोर्ट से 156/3 में अनुमति मिली । क्योंकि उन पर चार्जशीट लगी होने के कारण पुलिस सीधे शिकायत दर्ज नही कर सकती थी । कोर्ट से अनुमति के बाद पुलिस ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में जांच कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, जिसकी इसी बीते शनिवार 4 फरवरी को सुनवाई होनी थी और माना जा रहा है कि इस सुनवाई को प्रभावित करने के लिए ऐसे समाचार प्रकाशित करवाया गया सौरभ सिंह की छवि धूमिल हो और जिसका जिक्र सौरव सिंह अपने ट्वीट में कर चुके हैं

एनसीआर खबर इस प्रकरण पर सौरभ सिंह और अन्य पक्षकारों के साथ बात करने की कोशिश कर रहा है और प्रकरण में अन्य जानकारियां मिलने के बाद उनकी जानकारी अगले समाचार में प्रकाशित की जाएगी ।

NCRKhabar Mobile Desk

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