गाजियाबाद मे निकाय चुनाव से पहले ही भाजपा के जनप्रतिनिधियों की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। बीजेपी एमएलसी दिनेश गोयल ने रविवार को पत्र जारी कर शनिवार को उनके दफ्तर में जनप्रतिनिधियों और महानगर अध्यक्ष की बैठक में हुए निर्णय से पल्ला झाड़ लिया है आपको बता दें बैठक मे कहा गया था किकिसी भी जनप्रतिनिधि के परिवार का सदस्य आगामी निकाय चुनाव को लेकर दावेदारों से बायोडाटा नहीं लेगा I दिनेश गोयल ने बैठक के इस निर्णय को स्थानीय लोकसभा सासंद वीके सिंह के खिलाफ षड्यंत्र बताया है।

आमने सामने
ऐसे लोग राज्यसभा सांसद बन गए हैं, जो कभी पार्टी के सदस्य नहीं रहे। उनकी कुछ महत्वाकांक्षाएं हैं, जिनके चलते वे ऐसी हरकतें कर रहे हैं। मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। जनता ने मुझे चुना है। जनता की सेवा कर रहा हूं। जहां तक बायोडाटा का सवाल है तो पहले ही स्पष्ट हो चुका है मंडल अध्यक्ष और प्रभारी के माध्यम से दावेदार अपनी दावेदारी पेश करें।
वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री व स्थानीय लोकसभा सांसद
शनिवार की बैठक में संजीव शर्मा के मेयर के रूप में दावेदारी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। सांसद वीके सिंह का तो जिक्र तक नहीं हुआ। जहां तक जनप्रतिनिधियों के पारिवारिक सदस्यों का कार्यकर्ताओं से मिलने का सवाल है तो यह मुद्दा भी एमएलसी दिनेश गोयल ने ही उठाया था।
अनिल अग्रवाल, राज्यसभा सांसद
रविवार को लिखा पत्र, बताया षड्यंत्र
दिनेश गोयल ने रविवार को पत्र लिख कर कहा कि शनिवार को मेरे दफ्तर में हुई जन प्रतिनिधियों की बैठक में राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि हम सब महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के महापौर की दावेदारी का समर्थन में आए हैं। मैंने महसूस किया कि राज्यसभा सांसद सुनियोजित तरीके से विधायकों और महानगर अध्यक्ष को लेकर आए थे। उनका उद्देश्य वीके सिंह और उनका परिवार को टारगेट करना था। अतिथि सत्कार की मर्यादा के कारण मैं उनकी इस बात का विरोध नहीं कर सका।
एमएलसी ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि अनिल अग्रवाल कहीं ना नहीं स्वयं को आगामी लोकसभा का दावेदार प्रस्तुत करते हैं। इसी कारण वह नहीं चाहते कि वीके सिंह या उनके परिवार का कोई सदस्य गाजियाबाद के संपर्क में रहे।
विधायकों की नाराजगी- सांसद अपने कार्यक्रम में हमें नहीं बुलाते
गाजियाबाद के BJP विधायकों के आरोप हैं कि सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह उनके विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों में तो आते हैं, लेकिन विधायकों को ही नहीं बुलाते। इससे विधायकों की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ता है। ऐसे तमाम मौके आए जब मुख्य अतिथि सांसद थे और उस कार्यक्रम से क्षेत्रीय विधायक नदारद दिखे।
पाठको को याद दिला दें कि शनिवार को एमएलसी दिनेश गोयल के कार्यालय पर हुई बैठक में दिनेश गोयल के अलावा राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, विधायक अतुल गर्ग, सुनील शर्मा, अजीत पाल त्यागी और नंद किशोर गुर्जर शामिल हुए थे। बैठक के बाद एक पत्र जारी कर कहा गया था कि आगामी निकाय चुनाव के दावेदारों से उनके परिवार का कोई सदस्य ना तो मिलेगा और ना ही बायोडेटा लेगा।