आशु भटनागर I भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव पूर्ण होने के बाद लगातार भाजपा के बाकी अध्यक्षों के चुनाव प्रक्रिया पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं ऐसे में गौतम बुध नगर जिले में भी जिला अध्यक्ष और मंडलों के अध्यक्षों को लेकर अपनी अपनी दावेदारी प्रस्तुत की जा रही है जिले में जहां विजय भाटी के खिलाफ तमाम उनके सहयोगी रहे लोग अपनी-अपनी दावेदारी अब प्रस्तुत कर रहे हैं और लगातार यह कह रहे हैं कि विजय भाटी ने पार्टी मे गुटबाजी को बढ़ावा दिया है I
तो वहीं बिसरख मंडल में भी एक बार फिर से मंडल अध्यक्ष के लिए दौड़ शुरू हो गई है I वर्तमान अध्यक्ष रवि भदोरिया के निर्विवादित काल के बाद उनके उत्तराधिकारी की इस दौड़ में दो तरीके के लोग शामिल हैं एक जो पिछली बार मंडल अध्यक्ष की रेस में थे ओर बन नहीं पाये जिनमें लोकेश त्यागी, संतोष झा, मुकेश चौहान और दीपक यादव जैसे प्रमुख नाम हैं जबकि दूसरी तरफ वर्तमान मंडल में महामंत्री और उपाध्यक्ष के पदों पर विराजमान आदित्य भटनागर, दिनेश बेनीवाल, जितेंद्र सैनी उर्फ जीतू जैसे लोग भी अपनी अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं ।
ऐसे में जिले के सबसे महत्वपूर्ण इस मंडल में मंडल अध्यक्ष कौन बनेगा इसको लेकर चर्चाएं आम हो गई हैं लेकिन जिले की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे आगे अगर कोई दिखाई दे रहे हैं तो वह नाम लोकेश त्यागी का है लोकेश त्यागी को डॉक्टर महेश शर्मा का करीबी माना जाता है और कहा जाता है कि पिछली बार भी डॉ महेश शर्मा ने लोकेश त्यागी को एक कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर यह कह दिया था कि लोकेश त्यागी ही मंडल अध्यक्ष बनेंगे लेकिन राजनीति में हमेशा वैसी बातें भी नहीं होती जैसा दिखाई देता है प्रदेश अध्यक्ष की संतुति पर संघ के बैकग्राउंड से आए रवि भदौरिया को अध्यक्ष बना दिया गया जिसके बाद यह माना गया कि जिला अध्यक्ष विजय भाटी और डॉक्टर महेश शर्मा के बीच कुछ तनाव है लेकिन इस बार जिला अध्यक्ष और खास तौर पर बिसरख मंडल अध्यक्ष के लिए डॉक्टर महेश शर्मा अपने लोगों को ही निर्वाचित करवाना चाहते हैं जिसके बाद लोकेश त्यागी के मंडल अध्यक्ष बनने की संभावनाएं सबसे तेज नजर आ रही हैं आज के आलेख में हम लोग मौजूद सभी लोगों की वस्तुस्थिति का आकलन करने की कोशिश करेंगे । बीते दिनों श्रीकांत त्यागी प्रकरण के बाद माना गया था कि डॉ महेश शर्मा का प्रभाव कम हुआ है लेकिन उन्हें त्रिपुरा का प्रभारी बनाने के बाद महेश शर्मा ने साबित किया कि उनकी राजनीति मैं अभी कई दाव बाकी है ऐसे में जिले की राजनीति में उनको इग्नोर करना मुश्किल है जिसके बाद उनके विरोध ही खासतौर पर वह लोग जो चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं चारों खाने चित दिखाई दिए।
तो बात करते हैं सबसे पहले सबसे आगे नजर आ रहे लोकेश त्यागी की लोकेश त्यागी पश्चिमी यूपी के बिजनौर जिले से संबंध रखते हैं इसके साथ ही त्यागी समाज से आते हैं I बीते दिनों श्रीकांत त्यागी प्रकरण मे भी डॉक्टर महेश शर्मा के साथ लोकेश त्यागी खड़े दिखाई दिए I माना जाता है कि डॉक्टर महेश शर्मा के लिए त्यागी समाज में अफवाह फैला रहे लोगों को शांत करने में लोकेश त्यागी ने प्रमुख भूमिका निभाई इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट की राजनीति में लोकेश त्यागी अपना प्रभाव जमाने में सफल रहे हैं I ऐसे में डॉक्टर महेश शर्मा त्यागी समाज को संतुलित करने के लिए लोकेश त्यागी पर दांव खेलना उनके पक्ष में जा सकता है, क्षेत्र मे एक सामाजिक संगठन के जरिये लगातार जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह के प्रभाव को रोकने के लिए भी डा महेश शर्मा उनको ही आगे करना चाहेंगे और वह मंडल अध्यक्ष बन सकते हैं । बिसरख मंडल में खासतौर पर सोसाइटियों और गांव के लोगों के बीच उनका सामाजिक स्वीकार्यता पिछली बार के मुकाबले ज्यादा बेहतर नजर आ रही है वो अपनी सोसाइटी अरिहंत आर्डन (Arihant Arden) मे लगातार दूसरी बार एओए चुनाव चीत कर अध्यक्ष बन कर अपनी राजनैतिक कुशलता का परिचय दे चुके है I
लोकेश त्यागी के बाद उन्हीं के साथ पिछली बार भी मुकाबले में सबसे करीबी रहे संतोष झा भी दावेदारी कर रहे हैं संतोष झा अपने पूर्वांचल के वोटों के प्रभाव के चलते ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक बार अपनी दावेदारी को मजबूत कर सकते हैं हालांकि डॉ महेश शर्मा उनके लिए कितना बड़ा दांव खेलेंगे यह कहना मुश्किल नजर आ रहा है और बीजेपी के सूत्रों के अनुसार उनके नाम की सिफारिश किसी भी नेता के जरिए नहीं की जा रही है।
इनके साथ ही एक और नाम जो बीजेपी मंडल अध्यक्ष की दौड़ में दिखाई दे रहा है वह नाम है दीपक यादव का I दीपक यादव बिसरख मंडल अध्यक्ष की दौड़ में स्थानीय विधायक के जरिए अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं बीते दिनों दीपक यादव को स्थानीय विधायक का जनप्रतिनिधि भी नियुक्त किया गया है I ऐसे में माना जा रहा है कि स्थानीय विधायक भी अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए दीपक विधायक दीपक यादव को मंडल अध्यक्ष बनाने का जोर लगा सकते हैं । हालांकि स्थानीय विधायक को डॉ महेश शर्मा गुटका माना जाता है लेकिन दूसरी बार विधायक चुने जाने के बाद राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि जेवर विधायक की तरह स्थानीय विधायक भी 2024 लोकसभा में टिकट की दौड़ में आ सकते हैं क्योंकि तीनों ही विधायक दूसरी बार जीते हैं और बेहतर मार्जन के साथ जीते हैं ऐसे मे स्थानीय विधायक का समर्थन उनको भी इस रेस मे आगे ला रहा है I
लेकिन इन सभी नामों के अलावा कुछ नाम ऐसे हैं जो भाजपा के संगठन की राजनीति के साथ अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं भाजपा संगठन में माना जाता है कि मंडल अध्यक्ष के लिए सामान्य तौर पर मंडल के ही पूर्व पदाधिकारियों में से किसी को चुना जाता है ऐसे में ऊपर दिए नाम मंडल कार्यकर्ता ना होने के कारण पीछे रह सकते हैं लेकिन मंडल से ही दिनेश बेनीवाल आदित्य भटनागर और जितेंद्र सैनी और जीतू सबसे आगे चल रहे हैं यह बात करते हैं इन तीनों के विषय में भी बात करते है
सबसे पहले बात करते हैं बिसरख मंडल में महामंत्री आदित्य भटनागर की I आदित्य भटनागर बिसरख मंडल में महामंत्री के पद पर रहे हैं और लगातार बीते 3 साल से काम करते नजर आ रहे हैं हालांकि उनके दावे की कमजोरी के लिए विधायक और सांसद का उनके पीछे नॉमिनेशन ना होना माना जा रहा है लेकिन फिर भी राजनीतिक गणित में संगठन के प्रभाव में उनका दाव आगे बढ़ सकता है I माना जा रहा है संगठन मे उनके कार्य ओर कुछ महत्वपूर्ण संपर्क के चलते उनको भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है I
उनके बाद दिनेश बेनीवाल बिसरख मंडल उपाध्यक्ष के तौर पर अपना दावा आगे रख सकते हैं I दिनेश बेनीवाल को रवि भदौरिया के प्रमुख सहयोगी के तौर पर हमेशा देखा जाता रहा है ऐसे में लगातार संगठन में दिखाई देने के कारण दिनेश बेनीवाल को वर्तमान बिसरख मंडल अध्यक्ष के द्वारा दिए जाने वाले तीन नामों में जगह मिल सकती है, जिसके कारण उनके नाम पर भी विचार हो सकता है
तीसरा और आखिरी नाम इस लिस्ट में जितेंद्र सैनी उर्फ जीतू का है I जीतू काफी समय से इस क्षेत्र में सक्रिय राजनीति में रहे हैं और लगातार मंडल अध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत करते रहें लेकिन परिस्थितियों के अनुकूल ना होने के कारण उस पद पर नहीं आ सके और इस बार उनका दावा मजबूत है लेकिन जीतू के साथ एक ही समस्या है वह आ रही है उनका गांव से जुड़ा होना बिसरख मंडल को शहरी मंडल माना जा रहा है ऐसे में बिसरख मंडल में अध्यक्ष के तौर पर सोसाइटी उसे किसी व्यक्ति को आगे लेने की बात है लेकिन भाजपा में चमत्कार होते रहते हैं ऐसे में यह मान भी लिया जा सकता है क्योंकि शहरी वोट डेडीकेटेडली भाजपा को वोट करता है इसलिए जीतू सैनी को इस बार मौका देकर देखा जा सकता है
ऐसे में इस पूरे प्रकरण में यह माना जा सकता है कि इन सभी उम्मीदवारों में सबसे आगे लोकेश त्यागी का दावा मजबूत दिखाई दे रहा है लेकिन लोकेश त्यागी के इस दावे पर भाजपा संगठन की एक नीति भारी पड़ सकती है क्योंकि भाजपा में लगातार यह देखा गया है कि अगर चुनाव एक साल में होने वाला होता है तो पुराने अध्यक्ष को ही रिपीट कर दिया जाता है इसको हम जिलाध्यक्ष के तौर पर भी देख चुके हैं और बिसरख मंडल में अपनी छवि को मजबूत बना चुके रवि भदौरिया के मामले में भी देखा जा सकता है हालांकि रवि भदोरिया लगातार ऐसे संकेत दे रहे हैं कि वह शायद संगठन में अब किसी दूसरे मौके की तलाश कर रहे हैं लेकिन संगठन के निर्णय जिस तरीके से भी हो उन्हें स्वीकार करना ही होगा ऐसे में अगर रवि भदौरिया ने वापस रिपीट नहीं किया तो लोकेश त्यागी डॉक्टर महेश शर्मा के आशीर्वाद को लेकर इस बार मंडल अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे दिख रहे हैं । और यह देखना वाकई रोचक रहेगा कि डॉ महेश शर्मा के आशीर्वाद से लोकेश त्यागी अध्यक्ष बनेंगे या फिर स्थानीय विधायक के आशीर्वाद से दीपक यादव अपना दांव सही से चल पाएंगे या फिर संगठन के किसी नाम को इसमे सफलता मिलेगी